L19 DESK : राजधानी में सरकारी, आदिवासी, भूंईहरी तथा अन्य किस्म की जमीन की गलत बंदोबस्ती मामले पर प्रवर्तन निदेशालय सख्त हो गया है। बरियातू मौजा के रामेश्वरम के निकट स्थित सेना की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री मामले पर इडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त को आखिरकार 21 अप्रैल को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। पूर्व उपायुक्त छवि रंजन राज्य के चौथे आइएएस अधिकारी हैं, जिन्हें नौ महीने में इडी ने तलब किया है। इडी के क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन को समन भेजा गया है।
बताते चलें कि आइएएस छवि रंजन ने कई विवादास्पद फैसले लिये थे, जिसकी वजह से सरकार को किरकिरी हुई। इनके निर्देश पर ही खाता 384 की जमीन की फिर से म्यूटेशन कर दिया गया। इसके बाद कोनका मौजा में राय बहादुर एसएन गांगुली की जमीन का भी 80 साल बाद बंदोबस्त कर दिया गया। रातू अंचल के पुनदाग मौजा में सात एकड़ जमीन की बंदोबस्ती गलत तरीके से कर दी गयी। इसके अलावा बड़गाई अंचल में पांच एकड़ से अधिक भूंईहरी जमीन की बंदोबस्ती में भी छवि रंजन से पूछताछ किये जाने की संभावना है।
इडी गिरफ्तार किये गये जमीन ब्रोकर अफसर अली, इम्तियाज अहमद, सन्नी, मो सद्दाम, हल्का कर्मचारी भानू प्रताप, सीओ मनोज कुमार की भूमिका पर भी पूछताछ की जायेगी। यह भी पता लगाया जायेगा कि कैसे फरजी दस्तावेजों के आधार पर राज्यों के अवर निबंधकों को रजीस्ट्री करने के निर्देश उपायुक्त के स्तर पर दिये जाते रैं। इनके खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त रहे नीतिन कुलकर्णी ने सेना के कब्जे वाली जमीन, गाड़ी अंचल की जमीन की खऱीद-बिक्री को लेकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिया थे।
चार दिनों की रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर ईडी आईएएस छवि रंजन से पूछताछ करेगी.ईडी ने 13 अप्रैल गुरुवार को आर्मी लैंड स्कैम मामले में कार्रवाई करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार लोगों में कारोबारी प्रदीप बागची, सीआई भानु प्रताप, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं. ईडी ने गिरफ्तार सातों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच 14 अप्रैल शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया था. जहां कोर्ट ने सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जिसके बाद ईडी सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है