L19/Ranchi : ग्राम्य अभियंत्रण संगठन के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के चचेरे भाई आलोक रंजन को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीती रात गिरफ्तार कर लिया। आलोक रंजन को इडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। आलोक रंजन ग्रामीण पुल-पुलिया, सड़क के ठेके से जुड़े घोटाले के राजदार हैं।
ईडी ने आलोक की गिरफ्तारी रांची स्थित घर से ही की है। गिरफ्तारी के बाद आलोक को ईडी कार्यालय लाया गया। आज उससे कई मामलों में पूछताछ हो सकती है इसके बाद ईडी आलोक रंजन को विशेष अदालत में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत की मांग करेगी। वीरेंद्र राम के अवैध कमाई से अर्जित पैसों को सही जगह निवेश करना उसकी देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी इसी की थी।
आलोक की गिरफ्तारी को ई़डी वीरेंद्र राम के भ्रष्टाचार के मामले में एक बड़ी सफलता मान रही है। 13 नवंबर 2019 को ही एसीबी ने वीरेद्र राम के अधीन काम करने वाले जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को घूस लेते गिरफ्तार किया था। सुरेश वीरेंद्र राम के घऱ में ही रहता था। टीम ने जब सुरेश वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी तो उसी वक्त आलोक के कमरे से 2.67 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे।
सुरेश ने उसी वक्त कहा था कि वह पैसे वीरेंद्र राम के हैं, यह पैसे उनके रिश्तेदार आलोक रंजन ने रखे थे। इसके बाद एसीबी ने इस मामले में जांच की तो कई और मामले सामने आये। एसीबी ने इस मामले में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर पीई दर्ज करने की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी थी लेकिन यह लंबे समय तक लंबित रही औऱ जांच नहीं हो पाई।