दुमका के अंकिता हत्याकांड मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई। मुख्य न्यायाधीश संज कुमार मिश्र की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने पीड़ित परिवार को मिली सरकारी सुविधाओं की जानकारी मांगी। 23 अगस्त 2022 में एकतरफा प्यार के मामले में 12वीं की छात्रा अंकिता के शरीर पर शाहरूख नामक युवक ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी। पहले दुमका के फुलो-झानो मेडिकल कालेज में अंकिता को भरती कराया गया था। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स भेजा गया। झुलसी अंकिता की मौत रांची के रिम्स में 28 अगस्त को हो गयी थी। इस मामले पर 30 अगस्त को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी।
अगली सुनवाई के दिन पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का दिया निर्देश
इसी कड़ी में इस मामले की आज चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने एमिकस क्यूरी रमित सत्येंद्र से पीड़ित परिवार को अब तक मिले लाभ के बारे जानकारी मांगी। अदालत को बताया गया कि पीड़िता के परिवार को अब तक 10 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के दौरान पूरी जानकारी देने को कहा। आज की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दिया जाना था, जो दाखिल नहीं किया जा सका। सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि देवघर, एम्स में बर्न वार्ड कब तक बन कर तैयार हो जाएगा।
केंद्र सरकार और एम्स, देवघर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने कोर्ट को बताया था कि स्थानीय सांसद ने भी अपने स्तर पर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दी है। उनकी ओर से 28 लाख का फंड जमा किया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दिया गया था। राज्य सरकार ने शपथ पत्र दाखिल कर बताया था कि मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुका है। ट्रायल जारी है। राज्य सरकार की ओर से घटना के समय ही परविार को आर्थिक मदद दी थी। जांच की जा रही है।