L19 DESK : रांची के पूर्व डीसी और वर्तमान में झारखंड के समाज कल्याण विभाग के निदेशक आईएएस अधिकारी छवि रंजन को क्या ईडी के रेड की पहले से भनक लग गयी थी। यह संभावना इसलिए जाहिर की जा रही है क्योंकि जिस फ्लैट में ईडी ने छापा मारा है वहां से छवि रंजन ने 8 से 10 बैग सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। छवि रंजन के ठिकाने पर हुई छापेमारी में ईडी को कई अहम सुराग मिले हैं। जमशेदपुर के कदमा में स्थित छवि रंजन के फ्लैट पर सुबह करीब 6:30 बजे ईडी की टीम पहुंची थी। ईडी के पास फ्लैट का पूरा पता नहीं था इसलिए टीम को घर की तलाश करने में थोड़ी परेशानी हुई।
बताया जा रहा है कि ईडी की टीम पहले छवि रंजन के दूसरे फ्लैट में पहुंची थी। टीम के अधिकारियों को जब पता चला कि अब छवि रंजन इस फ्लैट में नहीं रहते तो दूसरे फ्लैट में टीम ने छापा मारा। ईडी की टीम ने आदित्यपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदार से संपर्क किया और उन्हें फ्लैट पर बुलाया। इस फ्लैट की चांबी रिश्तेदार के पास थी। छवि रंजन के मास्टर बेडरूम में दाखिल होने के लिए तीन लेयर की सुरक्षा थी। बेडरुम में तीन गेट लगाए गये थे। ईडी पूरी तैयारी के साथ छापेमारी के लिए पहुंची थी। अधिकारी दो कार में सवार होकर पहुंचे थे। फ्लैट खुलने के बाद सुबह करीब 8:00 बजे से छापेमारी शुरू हुई। ईडी को पूछताछ में पता चला कि छवि रंजन यहां कभी- कभी आते हैं। इस फ्लैट में पहले उनके माता- पिता रहते थे।
आसपास के लोगों ने बताया कि उनके माता पिता भी अब इस फ्लैट में नहीं रहते और लंबे समय से यह फ्लैट खाली है। छवि रंजन के माता पिता उनकी दूसरी शादी से नाराज थे जिसके बाद वह घर छोड़ कर चले गये। यहां से छवि रंजन ने भी कई जरूरी सामान और दस्तावेज दूसरी जगह शिफ्ट किए। फ्लैट से . 8-10 बैग में सामान लेकर छवि रंजन कहीं और चले गये थे। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस रेड की भनक उन्हें पहले ही लग गयी थी जिसके बाद उन्होंने कई दस्तावेज यहां से हटा दिए।