L19 DESK : गुरूजी शिबू सोरेन के बाद झामुमो के दूसरे सबसे सीनियर लीडर रह चुके चंपई सोरेन की जगह पर अब कल्पना सोरेन को पार्टी में पद मिल सकता है। यानि कल्पना सोरेन चंपई सोरेन को रिप्लेस कर सकती हैं। वह झामुमो के तीसरे सबसे पावरफुल पद पर काबिज़ हो सकती हैं। दरअसल, आगामी 14 और 15 अप्रैल को झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने 13वें केंद्रीय महाधिवेशन का आयोजन करने जा रहा है। इससे पहले छोटे से लेकर बड़े पदों पर पार्टी में जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। इन सब के बीच सवालों की सुई कल्पना सोरेन पर जाकर अटकती है, आखिर कल्पना सोरेन को पार्टी में कौन सा जिम्मा मिलेगा ? क्या वह महज़ विधायक बनी रहेंगी, या फिर पार्टी स्तर पर भी उन्हें कोई ज़िम्मेदारी मिलेगी ? क्या उन्हें झामुमो में सबसे ऊंचा पद मिलेगा, या फिर वह पदविहीन ही रहेंगी ? आखिर झामुमो की सबसे मजबूत कड़ी कल्पना सोरेन को लेकर पार्टी ने क्या रणनीति तैयार की है ?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिये केंद्रीय महाधिवेशन का प्रोग्राम किसी त्योहार से कम नहीं है। यह पार्टी का सबसे बड़ा प्रोग्राम है। आगामी 14 और 15 अप्रैल को होने वाले अपने 13वें केंद्रीय महाधिवेशन के लिये पार्टी ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। कोरोना के कारण पिछली बार 12वें महाधिवेशन को उतने धूमधाम से नहीं मनाया जा सका था। पिछले बार के मुकाबले, इस बार का आयोजन काफी भव्य और बड़े पैमाने पर होने वाला है। इस बार के समारोह में झारखंड के अलावा 8 से 10 अन्य राज्यों के झामुमो पदाधिकारियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। बड़े पैमाने पर होने वाले केंद्रीय अधिवेशन के लिए केंद्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर कई कमेटियों का गठन भी किया गया है और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां भी सौंपी गई हैं। छोटे से लेकर बड़े पदों पर बड़े बदलाव किये जा रहे हैं। इस बार के केंद्रीय महाधिवेशन में एक नये सदस्य की एंट्री हो गयी है। और वह कोई और नहीं, बल्कि खुद कल्पना सोरेन हैं, जिन्होंने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद राजनीति में शिरकत की, और तो और पूरे पार्टी की कमान अपने हाथों में लेकर ज़िम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन किया। उनके नेतृत्व में झामुमो ने लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बाद विधानसभा चुनाव में बतौर स्टार प्रचारक, कल्पना सोरेन ने झामुमो सहित पूरे इंडिया गठबंधन को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
हालांकि, उनकी राजनीतिक एंट्री से लेकर दोबारा विधायक बनने तक के सफर को एक साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक झामुमो में उन्हें कोई पद निर्गत नहीं है। मगर अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारियों से नवाज़ा जा सकता है, जिसकी पूरी संभावना बन रही है। माना जा रहा है कि कल्पना सोरेन पार्टी में चंपई सोरेन को रिप्लेस कर सकती हैं। माने कि, जो पद पहले पार्टी के दूसरे सबसे सीनियर नेता चंपई सोरेन के पास था, वह अब कल्पना सोरेन को मिल सकता है। चंपई सोरेन झामुमो में केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे, जो कि पार्टी में केंद्रीय अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के बाद तीसरा सबसे ऊंचा पद है। मगर विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी मूल पार्टी झामुमो का तीर कमान छोड़ बीजेपी का कमल थाम लिया था, जिसके बाद से यह पद खाली है। अब संभावना बन रही है कि महाधिवेशन प्रोग्राम के दौरान कल्पना सोरेन को झामुमो का केंद्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। यानि कल्पना पार्टी में तीसरे बड़ी भूमिका में नज़र आ सकती हैं।
इसके अलावा, कल्पना सोरेन के पद को लेकर 2 और possibilities हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल्पना सोरेन को महिला विंग का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है। ऐसा इसलिये क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में झामुमो के तरफ महिलाओं का खासा झुकाव देखने को मिला था। इसके पीछे दो प्रमुख वजहें रहीं, एक तो मईयां सम्मान योजना, और दूसरा इसका प्रचार करने वाली जेएमएम की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन। कल्पना सोरेन ने एक सशक्त आदिवासी महिला के रूप में अपनी बेहतरीन और प्रभावशाली वाचन शैली के ज़रिये झामुमो और महिलाओं के बीच की खायी को भरने में मदद की। वहीं, हाल के समय से मईयां सम्मान योजना की राशि में आ रही अनियमितताओं से महिला वर्ग में कुछ हद तक रोष की स्थिति बन रही है। इसे दूर करने के लिये पार्टी कल्पना सोरेन का सहारा ले सकती है। ऐसे में उन्हें झामुमो महिला विंग का अध्यक्ष भी नियुक्त किया जा सकता है।
वहीं, कल्पना सोरेन के पद को लेकर तीसरी संभावना ये बन रही है कि उन्हें झामुमो का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रहे हैं कि आगामी केंद्रीय महाधिवेशन के दौरान पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष की कमान गुरूजी शिबू सोरेन के हाथों से निकलकर उनके बेटे और वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के हाथों में आ सकती है। ऐसे में कार्यकारी अध्यक्ष का पद खाली हो जायेगा, जिसे कल्पना सोरेन के ज़रिये भरा जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो वह झामुमो की दूसरी सबसे बड़ी भूमिका वाले पद पर होंगी।