l19/DESK : हाल ही में आए SC ST आरक्षण में क्रीमी लेयर को शामिल करने के सुप्रीमकोर्ट के फैसले को लेकर देश भर विरोध स्वर उठने शुरू हो गए हैं। जहां विरोधी खेमा का कहना है कि इस निर्णय द्वारा एससी एसटी समुदाय को आपस में बांटने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इधर दलित समुदाय के सबसे बड़ी दलों में से एक बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती भी विरोध करने की पंक्ति में खड़ी हो गई है। अपने विरोध मे मायावती ने कहा एससी एसटी में वर्गीकरण नहीं किया जा सकता। आरक्षण में किसी प्रकार का वर्गीकरण उचित नहीं है आरक्षण में वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त करके उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा है। बहुजन समाज पार्टी कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं है और आरक्षण में किसी तरह की वर्गीकरण के खिलाफ है।
आगे मायावती ने कहा एससी एसटी कोटा सामान्य वर्ग को दिया जा रहा है। इस निर्णय से केंद्र राज्य में मतभेद बढ़ेंगे। कोर्ट ने 2004 के अपने ही फैसले को पलट दिया है सरकारी मनचाही जातियों को आरक्षण देने का काम करेंगे इससे आसान तो उसकी भावना उत्पन्न होगी कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसको केंद्र सरकार को संसद से बदल देना चाहिए अगर नहीं बदलते तो हमें या मानना चाहिए कि भाजपा और कांग्रेस एक ही जैसी पार्टी है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही एससी एसटी आरक्षण के बंटवारे को लेकर अपना फैसला सुनाया है जहां कोर्ट ने माना है कि एससी एसटी कोटे के अंदर किसी एक या कुछ जातियों को अलग से आरक्षण दिया जा सकता है। इस फैसले में साथ जजो की बेंच ने 6:1 के बहुमत से फैसलासुनाया है।