वाशिंगटन: मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी, क़ैद में रखने और उनकी मौत के मामले में तीन सांसदों ने स्वतंत्र जांच के लिए प्रतिनिधि सभा में एक आग्रह प्रस्ताव पेश किया हैं. सांसद जुअन वार्गस, जिम मैकगवर्न , आंद्रे कार्सन द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए आतंकवाद विरोधी कानूनों के कथित दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की गयी है. प्रस्ताव में भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में दिये गये उस निर्णय की सराहना की गयी है जिसमें औपनिवेशिक काल के एक विवादास्पद राजद्रोह कानून पर रोक लगाई थी. प्रस्ताव में भारत की संसद से इस रोक को स्थायी करने का आग्रह किया गया है. वार्गस ने कहा, फादर स्टेन ने अपना जीवन कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज उठाने के लिए समर्पित कर दिया था. वे आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते, युवाओं को प्रेरित करते थे और भारत में कई समुदायों के न्याय के लिए काम करते थे. झारखंड में इन दशकों के दौरान, फादर स्टेन ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) या पेसा अधिनियम जैसे भारतीय संविधान के प्रावधानों के कार्यान्वयन के बारे में वकालत की . फादर स्टेन की पांच जुलाई 2021 को मुंबई में हिरासत के दौरान मौत हो गयी थी.