L19/DESK.भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के आरोपों के बाद अब सेवानिवृत जज विनोद कुमार गुप्ता आइएएस राजीव अरुण एक्का मामले की जांच करेंगे. सरकार की तरफ से एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर यह कार्रवाई की गयी है । जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता की कमेटी छह महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी । भाजपा विधायक दल के नेता ने बिचौलियों और सत्ता के गलियारों के ब्रोकरों के साथ मिल कर करोड़ों रुपये की निविदा का निष्पादन करने और मनी लाउंड्रिंग करने का आरोप आइएएस अधिकारी पर लगया था । राजीव अरुण एक्का सीएम के प्रधान सचिव थे।
उनके पास सूचना एवं जनसंपर्क, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी था। वीडियो जारी होने के तत्काल बाद उन्हें इन सभी पदों से हटा दिया गया। उन्हें पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया है। मरांडी ने दावा किया था कि यह वीडियो क्लिप पिछले साल अप्रैल की है, जब एक्का टेंडर मैनेज करने वाली फाइल को विशाल चौधरी के ऑफिस में बैठकर निपटा रहे हैं। वीडियो में एक महिला भी दिख रही है, जो विशाल की स्टाफ है।
वीडियो में पैसों के लेन-देन की बात भी हो रही है। इस आरोप के बाद पहले तो राजीव अरुण एक्का ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने कहा था कि दोस्त के ऑफिस में बैठकर अकाउंट्स समझा रहा था। जिस फाइल पर एक्का को नोटिंग करते हुए दिखाया गया था, उसे उन्होंने सरकारी फाइल मानने से इनकार कर दिया था।