L19/Sahibganj : साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन घोटाला मामले में अब साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार भी फंसते दिखायी दे रहे हैं। गौरतलब है, अवैध खनन घोटाला मामले में जांच कर रही ईडी को अब कार्रवाई के लिये सीबीआई द्वारा दर्ज FIR एक आधार के रूप में मिल गयी है। ये प्राथमिकी सीबीआई ने 20 नवंबर को दर्ज की है। प्राथमिकी का आधार साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर चल रहे अवैध खनन की शिकायत करने वाला विजय हांसदा है, जिसने ईडी के समर्थन में पहले गवाही दी, फिर बाद में गवाही से मुकर गया।
उसकी शिकायत पर साहिबगंज के एससी एसटी थाने में दर्ज जिस प्राथमिकी को आधार बनाकर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है, उसमें साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और डीएमओ विभूति कुमार पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि विजय हांसदा के बयान पर कोर्ट के आदेश के बाद साहिबगंज के एससी एसटी थाने में प्राथमिकी तो दर्ज हुई थी, मगर उसमें डीसी और डीएमओ अभियुक्त नहीं बनाये गये थे। जबकि विजय हांसदा के आवेदन में ये बात स्पष्ट है कि नींबू पहाड़ पर अवैध पत्थर खनन के लिये ब्लास्टिंग किये जाने के दौरान कई घरों की दीवारों में दरार आ गयी थी।
इस पर लिखित शिकायत लेकर विजय हांसदा ग्रामीण साहिबगंज के कलेक्टर और डीएमओ के पास पहुंचे, लेकिन इन पदाधिकारियों ने न तो आवेदन की रिसिविंग दी, न ही अवैध खनन करने वालों पर कोई कार्रवाई की। विजय हांसदा ने अपने आवेदन में ये भी बताया है कि इस अवैध खनन से होने वाली आमदनी में साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और डीएमओ विभूति कुमार भी बराबर के हिस्सेदार हैं। उनके संरक्षण में ही ये गैर कानूनी कार्य हो रहा है।
सीबीआई ने इन्हीं बिंदुओं को आधार बनाया है। आनेवाले दिनों में रामनिवास यादव और विभूति कुमार से सीबीआई पूछताछ करेगी।