L19 DESK : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने साहेबगंज के पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम को समन भेज कर 22 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। पूछताछ दिन के 11 बज कर 30 मिनट पर रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में होगी। इडी के गवाह विजय हांसदा को भड़का कर अपने बयान से मुकरने के मामले में एसपी नौशाद आलम की संलिप्तता पायी गयी है।
इससे पहले स्टीमर दुर्घटना मामले में सही रिपोर्ट नहीं देने के मुद्दे पर साहिबगंज के उपायुक्त से पूछताछ हो चुकी है। इडी ने अवैध खनन के मामले में अपने गवाह विजय हांसदा के बयान से मुकरने और इडी के दूसरे गवाहों व इडी के अधिकारियों पर केस दर्ज कराने के कारणों की जांच शुरू की है। न्यायालय ने यह कहा था कि पूरे प्रकरण में पर्दे के पीछे कोई है।
इडी ने मामले की जांच के दौरान पाया कि विजय हांसदा ने पिछले दिनों दिल्ली की यात्रा की थी। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे ‘पंकज मिश्रा बनाम विजय हांसदा’ के मामले में अपना पक्ष पेश करना था। पंकज मिश्रा ने झारखंड हाइकोर्ट द्वारा नींबू पहाड़ मामले में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी और विजय हांसदा की भूमिका की सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विजय हांसदा को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था।
साहिबगंज में अवैध खनन के मामले में इडी ने विजय हांसदा को अपना गवाह बनाया था। इडी को दिये गये अपने बयान में साहिबगंज में हो रहे अवैध खनन के मामले में पंकज मिश्रा की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी थी। उसने खुद भी नींबू पहाड़ पर हो रहे अवैध खनन के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. साथ ही जेल में रहने के दौरान ही नींबू पहाड़ प्रकरण में पुलिस जांच पर संदेह जताते हुए मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
लेकिन, जमानत मिलने के बाद उसने हाइकोर्ट में आइए दाखिल कर अपने पिटीशन को वापस लेने की मांग की. इसके लिए उसने यह दलील दी कि जेल में रहने के दौरान उसकी जमानत याचिका दायर करने के लिए वकालतनामा पर दस्तखत कराया गया था।