L19/Ranchi : राज्य के बच्चों और महिलाओं को मानव तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह और शोषण से बचाने के लिये झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) की ओर से 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान राज्य के 30 हजार से ज्यादा गांवों में चलाया जायेगा। अभियान के लिये उन इलाकों को चुना गया है, जहां बच्चों की तस्करी के मामले ज्यादा आते हैं। उन इलाकों के बच्चों और महिलाओं को जागरूक किये जाने का काम किया जायेगा।
ऐसे बच्चों की शिक्षा, पोषण और अन्य विकास की जरूरत को जिला के स्तर पर चलने वाले बाल संरक्षण यूनिट और जिला बाल कल्याण समिति के जरिये पूरा किया जायेगा। इसमें ग्राम स्तरीय बाल सुरक्षा कमिटी और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन का सहयोग लिया जायेगा। गौरतलब है, हाल ही में इस अभियान की शुरुआत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने की थी।
100 दिनों के इस अभियान में राज्य के जेलों को भी शामिल किया गया है। ऐसे लोगों की पहचान की जायेगी, जिन्हें जमानत तो मिली है, मगर वह बाहर नहीं आ सके हैं। सजा काटने के बाद अपील न करने वालों की पहचान कर कानून का सहारा लेकर उन्हें मदद दी जायेगी। चार चरणों में चलने वाले इस अभियान में हर चरण में एक बार जेल में बंद जरूरतमंद कैदियों को कानूनी सहायता दी जाएगी। ऑबजर्वेशन होम में भी तीन साल से बंद किशोरों की पहचान कर उन्हें मदद दी जाएगी।
इसके साथ ही झालसा की ओऱ से एक और पहल की जा रही है। महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने और जागरूक करने हेतु झालसा एक ऐप तैयार कर रहा है। इस ऐप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें अपने स्वास्थ्य संबंंधी और महिला रोग की जानकारी दे सकती है। इसके बाद महिलाओं को जरूरी चिकित्सकीय सलाह दी जाएगी और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। इसमें महिलाओं के नाम और अन्य जानकारी गोपनीय रहेगी और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, ताकि महिलाएं और किशोरी बिना संकोच इस ऐप का इस्तेमाल कर सकें और अपनी समस्याएं बता हल प्राप्त कर सकें।