L19 DESK : झारखंड के 12 हजार चिकित्सक शुक्रवार से हड़ताल पर जा सकते हैं। राज्य के सरकारी और निजी अस्पताल के चिकित्सक जमशेदपुर मेडिकल कालेज में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का विरोध कर रहे हैं और मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस बात का निर्णय आईएमए की ओर से लिया गया 19 सितंबर को जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव के साथ मारपीट हुई थी।
जिसके विरोध में डॉक्टर्स यह निर्णय ले रहे हैं। झारखंड प्रदेश आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह का कहना है कि आए दिन डॉक्टरों के साथ इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगा कर मारपीट हो रही है। अब डॉक्टरों के साथ हो रही मारपीट की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉ कमलेश के साथ की गई मारपीट में शामिल लोगों को पुलिस गुरुवार तक गिरफ्तार नहीं करती है तो डॉक्टर्स हड़ताल पर चले जाएंगे।
इस हड़ताल का झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा), जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन एवं निजी डॉक्टर समर्थन कर रहे हैं। क्या है पूरा मामला दरअसल 19 सितंबर की रात जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में एक बच्ची का इलाज चल रहा था। उस बच्ची की देर रात दो बजे के करीब मौत हो गई। यहां पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव ड्यूटी कर रहे थे। बच्ची की मौत की वजह डॉक्टरों का इलाज में लापरवाही बरते जाने की बात कह परिजनों सहित अन्य लोगों ने डॉक्टर के साथ मारपीट की।
डॉक्टर का आरोप है कि आक्रोशित परिजनों और अन्य लोगों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर हमला किया। जिसका वीडियो भी जारी किया गया है। आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह का कहना है कि 21 सितंबर तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती है, तो 22 सितंबर से झारखंड भर के 12 हजार से अधिक डॉक्टर इलाज नहीं करेंगे। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी।
आईएमए के मुताबिक रिम्स सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल और निजी क्लीनिक व अस्पताल में मरीजों को नहीं देखा जाएगा। दोषियों पर अब तक नहीं कोई कार्रवाई आईएमए अध्यक्ष डॉ अरूण कुमार सिंह ने कहा कि घटना हुए दो दिन बीत गए हैं, लेकिन अपराधियों को नहीं पकड़ा जा सका है। डॉक्टरों का कहना है कि मारपीट का वीडियो फुटेज प्रशासन के पास है। बावजूद इसके दोषी व्यक्तियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह प्रशासन की विफलता है।