L19 DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिख कर कोयला खनन परियोजनाओं के नामकरण में झारखंड की परंपरा, संस्कृति एवं इतिहास को सम्मान दिए जाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि झारखंड की पहचान एक खनिज संपदा बहुल राज्य के रूप में स्थापित है और देश के विकास में इसका अहम योगदान है। खनिजों से प्राप्त राजस्व का बड़ा भाग कोयला खनिज से ही प्राप्त होता है। इसका लगातार दोहन किया जा रहा है, लेकिन उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है। जनभावना के खिलाफ काम करते हुए खनन परियोजना से जुड़ीं कंपनियां यहां की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को उचित सम्मान नहीं दे रही हैं।
इसलिए कोयला खनन परियोजनाओं का नामकरण झारखंड के महापुरुषों एवं दर्शनीय स्थलों के अनुरूप किया जाए। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित विभिन्न कोयला खनन परियोजनाओं एवं निजी कोयला परियोजनाओं का नामकरण स्थानीय स्थल, गांव, मौजा, पंचायत, प्रखंड, झारखंड राज्य के महापुरुषों एवं दर्शनीय स्थलों आदि के अनुरूप किया जाये। पत्र में अनुरोध किया गया है कि कोल इंडिया लिमिटेड, निजी कंपनियों एवं अन्य लोक उपक्रमों के द्वारा संचालित खनिज परियोजनाओं का नामकरण भारत सरकार द्वारा स्थानीय जनमानस की भावनाओं, परंपरा, संस्कृति आदि के आधार पर नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने चतरा जिले में संचालित खनन परियोजनाएं आम्रपाली कोयला परियोजना, अशोक कोयला परियोजना एवं मगध कोयला परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा है कि इन कंपनियों द्वारा जन भावनाओं के खिलाफ जाकर स्थानीय जन भावनाओं की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है।