L19 DESK : दिल्ली और छत्तीसगढ़ के बाद शराब घोटाले की जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार सुबह से रांची, देवघर, दुमका, गोड्डा, देवघर समेत कुल 32 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें कारोबारी योगेंद्र तिवारी, देवघर जिले के 20 सूत्री के उपाध्यक्ष मुन्नम संजय, राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव, गोड्डा में कारोबारी देवेंद्र उर्फ टेकरीवाल, अभिषेक आनंद झा, नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह जैसे धुरंधर शामिल हैं।
बताया जाता है कि दिल्ली शराब घोटाले को लेकर इडी ने झारखंड को भी शामिल किया है, क्योंकि छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट ने झारखंड, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ का कारोबार फैला रखा था। खास कर शराब की बॉटलों पर लगनेवाले हॉल मार्क का काम भी छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के व्यक्ति ही झारखंड और छत्तीसगढ़ में देख रहे थे। इसकी प्रिटिंग नोएडा में होती थी। शराब घोटाले की दबीश से लेकर इस छापेमारी को देखा जा रहा है। वैसे भी झारखंड में मई 2022 में सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमएसएल) की सलाह पर नयी उत्पाद नीति लागू की थी।
इसमें छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट से जुड़ी सारी कंपनियां सुमित फैसिलिटिज, एटूजेड, प्राइम वन और इगल हंटर सरीखी कंपनियां शामिल थीं। बाद में दिल्ली की कंपनी जीडीएक्स फैसिलिटीज एंड मैनेजमेंट कंपनी को भी शामिल कर दिया गया। शराब सिंडिकेट से जुड़ी कंपनियों पर झारखंड सरकार ने अक्तूबर 2022 से नकेल कसना शुरू किया।
एक मई 2023 से राज्य के पांच जिलों को छोड़ 19 जिलों में झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड शराब की बिक्री का काम कर रही है। जीडीएक्स फैसिलिटीज एंड मैनेजमेंट को छोड़ सिंडिकेट की अन्य कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध सचिव विनय चौबे और तत्कालीन उत्पाद आयुक्त छत्तीसगढ़ में इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर अपनी गवाही भी दी थी।