L19 DESK : सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान में निधन हो गया है। वे 80 साल के थे। आज सुबह सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। बुधवार सुबह सात बजे दिल्ली के महावीर इनक्लेव स्थित सुलभ ग्राम में उनके शरीर आम लोगों के लिए अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
इसके बाद दिल्ली में ही उनके पार्थीव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली के रहने वाले थे। बिंदेश्वर पाठक 1968 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के भंगी-मुक्ति (मेहतरों की मुक्ति) प्रकोष्ठ में शामिल हुए। उन्हें भारत में सर पर मैला ढोने वाले समुदाय की दुर्दशा के बारे में जानकारी मिली, इस समुदाय की स्थिति में सुधार के लिए उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना कर नागरिकों को स्वच्छ शौचालय की सुविधा दिये जाने की शुरुआत की। उनकी संस्था मानव अधिकार, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।
भारत में मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ अभियान चलाने वाले बिंदेश्वर पाठक ने देश में स्वच्छता अभियान में अहम भूमिका निभाई है। देश में शौचालय निर्माण विषय पर उन्होंने बहुत शोध किया। उन्होंने 1968 में डिस्पोजल कम्पोस्ट शौचालय का आविष्कार किया, जो कम खर्च में घर के आसपास मिलने वाली सामग्री से बनाया जा सकता है। सुलभ इंटरनेशनल की मदद से देशभर में सुलभ शौचालयों की शृंखला स्थापित की।