L19/Ranchi : रांची गौशाला न्यास समिति के कार्यकारिणी के सदस्यों ने जिस जमीन को एक्वा पोलिमर कंपनी को दिया है। उसका टाइटल डीड स्पष्ट ही नहीं है। कांके अंचल के सुकुरहूट्टू स्थित बाड़ू गांव में एक्वा पोलिमर कंपनी की फैक्टरी है। 2021 से इस फैक्टरी में पानी की टंकी का उत्पादन हो रहा है। बताया जाता है कि इस कंपनी के प्रमोटरों ने इंडियन बैंक के राजस्थान गार्डन अपार्टमेंट (कांके रोड) से 22 लाख रुपये का कर्ज लिया है। लिया गया कर्ज बगैर टाइटल डीड और अन्य औपचारिकताओं के दिय़ा गया है। इसमें बैंक के अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है।
यहां यह सवाल उठता है कि बगैर कागजातों की जांच के कैसे इतना बड़ा कर्ज दे दिया गया, वह किस दवाब में दिया गया। इसकी जांच होनी जरूरी है। क्या बैंक कर्मियों ने यह भी देखा था कि एक्वा पोलिमर को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से प्लांट शुरू करने के लिए कंसेंट टू आपरेट, पर्यावरण क्लीयरेंस, वाटर क्लीयरेंस और अन्य आवश्यक दस्तावेज दिये गये। सिर्फ जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आधार पर कर्ज कैसे दिया गया। इस संबंध में इंडियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में भी शिकायत दर्ज करायी गयी है, जिसके आधार पर जांच का कार्य आगे बढ़ेगा। इसके लिए बैंक को गारंटी के रूप में अपार्टमेंट का पेपर भी दिया गया है।
बताया जाता है कि अरविंद बंका लोहरदगा के व्यापारी हैं और संजीव खिरवाल रांची के व्यापारी हैं, जो गोपालका फायनांस से जुड़े हैं। अरविंद बंका और संजीव खिरवाल रिश्तेदार हैं। जानकारी के अनुसार नौ साल पहले यदि गोपालका प्रोजेक्ट्स को 5.85 एकड़ जमीन दी गयी, तो क्या उसी रेट पर 2021 में भी छह एकड़ से अधिक जमीन की रजिस्ट्री कर दी गयी। राजकुमार केडिया ने गौशला की कुल 15.98 एकड़ जमीन में से अपने पास नौ एकड़ जमीन रखी है। किशन गोपालका जो गोपालका प्रोजेक्ट्स से जुड़े हैं, उनके पास चार एकड़ जमीन, संजीव खिरवाल के पास दो एकड़ और अरविंद बंका के पास एक एकड़ जमीन है।
जब लोकतंत्र 19 ने अरविंद बंका से जमीन के बारे में फोन कर पूछा, तो उन्होंने बताया कि जमीन उनके भाई ने ली है, मुझे उतनी जानकारी नहीं है। फिलहाल जमीन पर एक्वा पोलिमर कंपनी के द्वारा रोजाना 10 से 15 पानी की टंकी का उत्पादन होता है। मांग अधिक रहने पर प्रति दिन 50 टंकियां भी उत्पादित हो सकती हैं। कंपनी में चार से पांच मजदूर हैं।