L19/DESK : राज्य में लगातार बढ़ते अपराध को देखते हुए और संगठित आपराधिक गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए झारखंड पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में रांची डीसी राहुल सिन्हा और एसएसपी किशोर कौशल के नेतृत्व में रविवार देर रात बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल परिषद में छापेमारी की गयी। इस दौरान तीन घंटे तक पुलिस ने जेल में बंद एक-एक कैदियों की गहन तलाशी ली,हालांकि पुलिस को जेल से किसी भी तरह के आपत्तिजनक सामान नहीं मिले। इधर अचानक छापेमारी की खबर से कैदियों में हड़कंप मच गया।
इस बीच प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से पता चला है कि जेल में छापेमारी करने की सबसे बड़ी वजह मोबाइल फोन है। बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है, जब बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की गयी है,इससे पहले भी कई बार यहां औचक छापेमारी की गयी है। रांची के साथ-साथ धनबाद और हजारीबाग स्थित जेलों में बंद गैंगस्टर्स द्वारा मोबाइल के जरिये गिरोहों को ऑपरेट करने की खबर आयी थी, इसके बाद छापेमारी की गयी थी। जांच के दौरान रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के भीतर 150 से भी ज्यादा मोबाइल सिम एक्टिव पाये गये थे। इस बीच पुलिस मुख्यालय ने जेल के भीतर सक्रिय सिमकार्ड नंबर, व्हाट्सएप नंबर, आइईएमईआई नंबर और वर्चुअल नंबर के ब्यौरे के साथ सभी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी।