L19/Ranchi : झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी में महिलाओं के खिलाफ हिंसा व मानव तस्करी विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में शामिल बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि एक ओर हम सभी मातृ शक्ति से प्रार्थना करते हैं, वहीं दूसरी ओर से महिलाओं के खिलाफ हिंसा देखते एवं करते हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा व मानव तस्करी ने समाज में राक्षस का रूप प्राप्त कर लिया है। कार्यस्थल पर भी महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक सक्षम है साथ ही वह मल्टीट टास्किंग में भी पुरुषों से बेहतर हैं। 16 जुलाई रविवार को झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी में महिलाओं के खिलाफ हिंसा व मानव तस्करी विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। वे वर्चुअल मोड में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और मानव तस्करी के मामले में पुलिस विभाग, न्यायपालिका व सुधार गृहों को संवेदनशील होने और सहानुभूति दिखाने की जरूरत है।
महिलाएं ही समाज की असली निर्माता हैं
स्वागत भाषण के दौरान जस्टिस एसएन प्रसाद ने कहा कि यह एक ज्वलंत और अहम मुद्दा है कि, महिलाएं सिर्फ माँ , बेटियाँ और बहनें नहीं हैं, बल्कि समाज की असली निर्माता भी हैं। न्यायपालिका को महिलाओं की रक्षा करने की जरूरत है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने कहा कि झारखंड में जादू-टोना और मानव तस्करी की प्रथाएं वर्षों से चल आ रही हैं। न्यापालिका के सामने भी ये मामले लगातार आ रहे हैं। पहले तकनीकी सत्र में न्यायमूर्ति सोनिया जी गोकानी ने कहा कि न केवल सामाजिक मानदंड और मान्यताएं, बल्कि भ्रष्टाचार भी महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा के प्रमुख कारण हैं।