चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम प्रकरण के बाद बढ़ी हलचल
L19: ग्राम्य अभियंत्रण संगठन के मुख्य अभियंता (अब निलंबित) वीरेंद्र राम के यहां हुई प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की छापेमारी के बाद 30 अभियंता और कई आइएएस अफसर राडार पर आ गये हैं. वीरेंद्र राम के यहां की गयी छापेमारी के तीन-चार दिन बाद ही इडी ने कार्यपालक अभियंता रामपुकार राम के आवास में छापा मार कर उन्हें हिरासत में ले लिया.
बताया जाता है कि ग्रामीण विकास विभाग, ग्राम्य अभियंत्रण संगठन तथा जल संसाधन विभाग में वीरेंद्र राम एक सिंडिकेट बना कर निविदाओं को अंतिम रूप दिलाने का काम करते थे. इससे इनके करीबी रहे 30 अभियंताओं को चिह्नित किया गया है. ऐसा कुछ आइएएस अफसरों के कहने पर किया जाता था. इन पर भी इडी नजर रख रही है. सूत्रों का कहना है कि वीरेंद्र राम ने पांच फरजी कंपनियां बनायी थीं.
2005 से 2019 तक सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में थे मुख्य अभियंता
वीरेंद्र राम जल संसाधन विभाग के सबसे महत्वपूर्ण परियोजना सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में मुख्य अभियंता के पद पर लंबे समय तक पदस्थापित थे. 2019 के बाद वे ग्रामीण विकास विभाग में आये और हीरो बन गये.
सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में ईचा-गालूडीह मुख्य कैनाल, इचा नगर, गालूडीह नहर, इचा डैम, एलीफैंट कारोडोर से संबंधित निविदा में वीरेंद्र राम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस परियोजना में छह हजार करोड़ से अधिक की निविदा हुई है.
बताते चलें कि सुवर्णरेखा परियोजना में आधा दर्जन से अधिक ऐलीफैंट कोरिडोर बनाये गये हैं, ताकि सिंचाई के नहरों को जंगली हाथी क्षतिग्रस्त न करें. इस काम को शेखर कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी ने पूरा किया है, जो एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी थी. इस कंपनी को 150 करोड़ से अधिक का काम दिया गया.
इससे संबंधित एक संचिका अभी भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में लंबित है.
जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता मुख्यालय, मुख्य अभियंता मानिटरिंग, मुख्य अभियंता रांची, मुख्य अभियंता (सीडीओ) मुख्य अभियंता (मैकेनिकल), मुख्य अभियंता एडवांस प्लानिंग, मुख्य अभियंता सुवर्णरेखा परियोजना में वीरेंद्र राम के सिंडिकेट के ही अभियंता जमे थे.
2019 तक जल संसाधन विभाग के 12 पदों में सब एक ही समुदाय के लोग शामिल थे. यानी जिस योजना से संबंधित निविदा का निबटारा मुख्य अभियंता मुख्यालय नहीं करते थे. उन्हें सीडीओ और मानिटरिंग तथा अभियंता प्रमुख के जरिये पास करा दिया जाता था.
इडी अब इसे भी जांच कर रही है. इसके अलावा हजारीबाग, रांची, मेदिनीनगर, देवघऱ, के मुख्य अभियंता की कारगुजारियों की भी जांच की जा रही है.वीरेंद्र राम ने पांच फरजी कंपनियां खोल रखी थीं.
इसमें भवानी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, अवतार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, परमानंद सिंह बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य कंपनी शामिल है.
बताया जाता है कि परमानंद सिंह बिल्डर ने गिफ्ट में वीरेंद्र राम को टोयोटा फॉरच्यूनर सिग्मा-4 कार (जेएच-05सीएम-1000) कार और मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन ने इनोवा (जेएच -05सीसी-1000) भेंट की थी. ईडी ने इनसे जुड़े लोगों को वीरेंद्र राम के सामने बैठा कर पूछताछ करने की तैयारी की है, ताकि कमीशन का हिस्सा स्पष्ट हो सके.
अधिकारी यह पूछेंगे कि आखिर वीरेंद्र ने उन्हें ऐसी कौन सी सुविधा दी, जिसके लिए लाखों की कार भेंट कर दी. प्रोजेक्ट, ठेका लेने के लिए वीरेंद्र राम को कब-कब कितना कमीशन दिया.