L19 DESK : मिस इंडिया 2023 बनकर अपने शहर कोटा पहुंची नंदिनी गुप्ता ने मेडिकल और इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स से बातचीत करते हुए जो शब्द कही वह आने वाली पीढ़ी के युवाओं और अपने जीवन में खुद को हतास,फेलियर मानने वालों के लिए रामबाण साबित होगा। उक्त कथन निम्न हैं- “राधे राधे… मैं नंदिनी गुप्ता… छोटे कस्बे से निकली पहली लड़की… कोटा जैसे शहर से मुंबई जाकर अपने सपनों को साकार करने के लिए कोशिश करना आसान नहीं था। लेकिन, माता-पिता के सपोर्ट से मैंने सपना साकार कर लिया। ये किसी चैलेंज से कम नहीं था। फेल्योर के सामने चैलेंज होता है। 9वीं में गणित में फेल हो गई थी। 70 में से 15 अंक आए थे। निराश हो गई। शिक्षकों ने कहा- पढ़ाई जारी रखो। उनकी बात मानी। आखिर मैनेजमेंट में सेकेंड पॉजिशन बनाई। अब मिस इंडिया भी बन गई।
किसी ड्रीम को अचीव करने को पैशन बनाओ। उस पर काम करो। कठिन परिश्रम करो। अपना गोल सेट करिए। तभी इस तरह का मुकाम हासिल कर सकेंगे। बैकग्राउंड मायने नहीं रखता, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से आते हैं । नंदिनी ने आगे कहा- मैं हाड़ौती से हूं, इसलिए हाड़ौती अच्छी बोलना आती है। साथ में हिंदी भी, लेकिन इस फील्ड में इंग्लिश कमजोर होना सबसे बड़ी समस्या थी। उस लेवल पर हिंदी में कम्युनिकेट में थोड़ी परेशानी होती है।इंग्लिश में सुधार किया, अब नई जर्नी की शुरुआत है। आप सभी के सिर पर भी एक ताज है। आपको इसका पता है ये चुनौतियां, असफलता और कठिनाइयों का है।
हम लड़कियां हैं ऐसी लड़कियां जो बहुत कुछ कर सकती हैं, इसके लिए मेहनत करिए, चुनौतियों से डरे नहीं, संघर्ष करें और माता-पिता और शिक्षकों की बात मानिए। सुमित गुप्ता व बहन का स्वागत किया। दो लाख रुपए का चेक भेंट कर सम्मानित किया गया। नंदिनी बुधवार सुबह अपने पैतृक गांव सांगोद के भांडाहेडा गांव पहुंची। यहां वह ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंची। पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने ट्रैक्टर चलाया। ढ़ोल नगाड़ों के साथ नंदिनी ने गांव में एंट्री की। इसके बाद स्थानीय लोगों और बच्चों ने उनका अभिनंदन किया। महिलाओं के साथ राजस्थानी गीतों पर डांस भी किया।