
L19 DESK : आजाद देश भारत में, अब तक के ट्रेन हादसों की सूची को अगर जानना है तो इस आंकड़े को देखना होगा कि कब, कहाँ और कैसे भारतीय रेलवे की ट्रेनें दुर्घटना का शिकार हुई, साल 1964 के 23 दिसंबर के दिन पंबन-धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात का शिकार हो गयी थी जिस कारण ट्रेन में सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई थी। दूसरी बड़ी दुर्घटना 6 जून, 1981 के दिन बिहार में बागमती पुल पार करते वक़्त एक पैसेंजर ट्रेन अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी थी, हादसे में 750 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही कई लोगों के शव बरामद ही नहीं हुए।
तीसरी बड़ी दुर्घटना 20 अगस्त, 1995 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद स्टेशन के थोड़ी दूर पर पुरुषोत्तम एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी, हादसे के वक़्त कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी थी, तभी पुरुषोत्तम एक्सप्रेस टकरा गई जिसमें आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या लगभग 305 बतायी गयी थी। चौथी बड़ी दुर्घटना 26 नवंबर, 1998 के दिन जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना इलाके में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा कर 212 लोगों को मौत का शिकार बना गयी थी।
पांचवी दुर्घटना 2 अगस्त, 1999 के दिन गैसल ट्रेन दुर्घटना के वक़्त ब्रह्मपुत्र मेल बिहार के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी, इस हादसे में 285 से यात्रियों की मौत हो गयी थी, वहीं 300 से अधिक यात्री घायल हो गए थे, इस दुर्घटना में सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के कई जवान भी शिकार हुए थे। हालाँकि कुछ आंकड़े मिल भी नही सका। छठी दुर्घटना 9 सितंबर, 2002 के दिन हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर से पटरी से उतर गई, जिसमें 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में आतंकी गतिविधियों के बिंदुओं पर भी जाँच किया गया था।
उसके बाद 28 मई, 2010 जनेश्वरी एक्सप्रेस मुंबई जा रही थी, इसी दौरान पश्चिम बंगाल के झारग्राम इलाक़े में ट्रेन का पहिया पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें 148 यात्रियों की मौत होने की बात सामने आयी थी। आठवीं दुर्घटना 20 नवंबर, 2016 के दिन उत्तर प्रदेश में कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस की 14 बोगियों के पटरी से उतर जाने के कारण 152 यात्रियों की मौत हो गई थी और 260 यात्री घायल हो गए थे।
और इस दशक की सबसे बड़ी ट्रेन हादसा 2 जून 2023 के दिन यानी कि शुक्रवार को हुई, इस हादसे में अब तक सरकारी आंकड़ों के पुष्टि के मुताबिक 288 लोग मारे गए हैं वहीं घायलों की संख्या लगभग 1,175 बतायी जा रही है।यह ट्रेन हादसा ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा के पनपना इलाके में हुई थी, दुर्घटना बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक अन्य मालगाड़ी के आपस में टकरा जाने के कारण हुई थी। जिसके बाद वर्तमान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर घटनास्थल पर पहुँच गए थे, बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओड़िसा पहुँच कर इस मामले को देखा था।
