L19 DESK : राष्ट्रीय जांच एजेंसी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) द्वारा नरेश सिंह भोक्ता की नृशंस हत्या के मामले में आज गुरुवार को बिहार के गया और औरंगाबाद जिले और झारखंड के पलामू जिले में आरोपियों और संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों की छापेमारी की है। पांच गिरफ्तार कमांडरों और भाकपा (माओवादी) के दो संदिग्ध ओजीडब्ल्यू/समर्थकों के आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई है।
इस दौरान विभिन्न डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, आपत्तिजनक दस्तावेजों को जप्त किया गया है। बता दें कि NIA की टीम ने बुधवार को भी इसी मामले में झारखंड और बिहार में सात स्थानों पर छापेमारी की थी।
पूरा मामला
प्रतिबंधित आतंकवादी द्वारा बुलाई गई तथाकथित जन अदालत में भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व और नक्सल कैडरों द्वारा पुलिस मुखबिर के रूप में लेबल किए जाने के बाद, 2 नवंबर 2018 की रात को भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास बरामद किया गया था।
एनआईए ने 24 जून 2022 को इस मामले को बिहार पुलिस से अपने हाथ में लिया था। इस मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरवरी 2023 में, एनआईए ने 01 अभियुक्तों अजय सिंह भोक्ता पुत्र जगदीश सिंह भोक्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121ए, 364, 471 और 302, आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1ए) और 27, धारा 27 के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की थी। और अपनी जांच के दौरान, एनआईए ने हत्या की साजिश में सीपीआई (माओवादी) कमांडरों की संलिप्तता का पता लगाया था।