L19/DESK : तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर आई राष्ट्रपति मुर्मू आज खूंटी जिले के बिरसा मुंडा स्टेडियम मे हैं।इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन मे मुख्यमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष कुछ झारखंडी आदिवासी मुद्दों को बताया और केंद्र सरकार से इन मुद्दों को लागू करने का आग्रह किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा “राज्य के आदिवासियों के जीवन-मरण की कुछ मांगें हैं, जिन्हें वे केंद्र से स्वीकृति दिलायें, तभी आदिवासियों का वजूद बचेगा।आगे सोरेन ने कहा कि झारखंड ने सरना धर्म कोड पास कर केंद्र को भेजा गया है,उसे पारित करायें। हेमंत सोरेन ने कहा कि हो, मुंडारी और कुडुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है, इसे शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के साथ कदम मिलाने के लिए तैयार है. हमें केंद्र और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से काफी उम्मीदें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के जानजातीय विभाग के मंत्रालय कई योजनाएं बनाते और लागू करते हैं। मंत्रालयों की आदिवासियों को उनके पैरों पर खड़ा करने, उनके आय के स्रोत बढ़ाने की जो चिंताएं हैं, और उस पर हम जो चिंतन मंथन करते हैं, उसका प्रभाव और असर बहुत अच्छा नहीं दिख रहा है। हेमंत ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोग कई चुनौतियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं, यहां की खनिज संपदाएं पूरे देश के घरों को रोशन करती हैं, लेकिन आज भी आदिवासी समुदाय के लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में अधिकारी हमें स्टॉल लगाकर ये दिखाने की कोशिश करते हैं कि हम झारखंड में बहुत सी चीजों का उत्पादन करते हैं, सीएम ने कहा कि उन्हें पता है कि स्थिति इससे बिल्कुल उलट है।