L19 DESK : मौसम केंद्र के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि मोचा चक्रवात का असर झारखंड में दिखेगा। बंगाल के कुछ हिस्सों में तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में इसका अधिक असर दिखेगा। 7 मई तक चक्रवात की तीव्रता का निर्धारण होने और कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही झारखंड में इसका असर होगा। मौसम विभाग के अनुसार, 6 मई के आसपास साउथ ईस्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है। इस कारण उसी क्षेत्र में 7 मई को एक लो प्रेशर एरिया बनेगा।
इस सिस्टम के 8 मई को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में केंद्रित होने की संभावना है। 9 मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान बन सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर भारत सहित कई राज्यों में इन दिनों जमकर वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने इस साल के पहले चक्रवाती तूफान का अलर्ट भी जारी कर दिया है। बंगाल की खाड़ी में 09 मई के आसपास चक्रवात बनने की संभावना है, जिसका असर झारखंड समेत आसपास के राज्यों में देखने को मिल सकता है।
चक्रवात की तीव्रता का आकलन मौसम विभाग द्वारा अभी तक नहीं किया गया है। साल के पहला चक्रवात का नाम मोचा रखा गया है।अभिषेक आनंद ने बताया कि भारत में चंद्र ग्रहण 5 मई की रात लगभग 8:42 बजे से शुरू होकर रात के 1:03 बजे तक रहेगा। हालांकि, इसका प्रभाव साइंटिफिक रूप से भारत में नहीं दिखेगा। चूंकि पेनुम्ब्रा चंद्रग्रहण में पृथ्वी की उपच्छाया बहुत हल्की है इसलिए इसे पहचानना कठिन हो सकता है क्योंकि यह चंद्रमा के ऊपरी सतह पर दिखती है। चंद्र ग्रहण समझने का सबसे अच्छा समय अधिकतम ग्रहण के आसपास है, जब चंद्रमा का एक किनारा दूसरे की तुलना में थोड़ा गहरा दिखाई देता है।