L19 DESK : कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंस (किस) की स्थापना को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और रघुवर दास के समय राज्यसभा सांसद अच्युत सामंता ने यह घोषणा की थी कि वे झारखंड के ट्राइबल बच्चों को शिक्षित करेंगे। उन्होंने रांची के प्रेस क्लब में पत्रकारों से कहा था कि हर साल 25 हजार बच्चों को किस के जरिये शिक्षित किया जायेगा। इसके लिए किस संस्थान को लेकर 150 एकड़ से अधिक क जमीन मांगी गयी थी। उस समय अच्युत सामंता ने मीडिया को भरोसा दिलाया था कि ओड़िशा और झारखंड में जनजातियो के विकास के लिए कई कार्य किये जायेंगे।
उनकी घोषणा के बाद आज पांच-छह सालों में भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। किस के एक वरिष्ठ अधिकारी इस बीच रांची में कई बार रहे। पर कागजों तक ही प्रस्ताव सीमित रहा। दो दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लाव लश्कर के साथ भुवनेश्वर स्थित किस संस्थान में गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि किस संस्थान के प्रमोटर झारखंड भी आयें। वहीं मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी कहा कि जनजातीय आबादी हताश न हों, निराश न हों। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- समाज के हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे वह सरकारी कर्मी हो या फिर बुजुर्ग अथवा दिव्यांग, परित्यक्ता अथवा एकल महिला। हर किसी को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम और एनपीएस को लागू कर सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन किसी के भी बुढ़ापे की लाठी होती है। यह उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करता है और सरकार उन्हें इसका लाभ देने के लिए सदैव से प्रयासरत रही है।