L19 DESK : राज्य सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरफ से इन दिनों कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों में हाई मास्ट लाइट लगवाया जा रहा है। इसकी स्वकृति विभाग के सचिव के श्रीनिवासन ने दे दी है। सरकार की तरफ से अनुसूचित जनजातियों का कल्याण हेड से लगभग 8 करोड़ 63 लाख रुपये इसमें खर्च किये जा रहे हैं। इस योजना के भी सूत्रधार नवंबर 2022 में उप निदेशक बनाये गये सुनील कुमार सिंह बताये जाते हैं। सरकार की तरफ से 16 मीटर के हाई मास्ट लाइट लगवाने के लिए 7 करोड़ 92 लाख 687 रुपये की स्वीकृति दी गयी है। रांची, गुमला, लोहरदगा, गुमला, पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, चतरा, गढ़वा और पलामू में ये मास्ट हेड लाइट लगाये जायेंगे।
जानकारी के अनुसार एक हाई मास्ट लाइट का इस्टीमेट 7.72 लाख रुपये तय किया गया है। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि कल्याण विभाग के 109 और 26 विद्यालयों में ऐसी कौन सी विकट परिस्थिति आ गयी कि यहां हाई मास्ट लगाने की अनुमति दी गयी। सूची में शामिल कई स्कूलों में 60 से 100 बच्चे ही पढ़ते हैं। सरकार ने जो सूची निकाली है उसमें आश्रम विद्यालय, अनमुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय, आदिम जनजाति प्राथमिक आवासीय विद्यालय, अनुसूचित जनजाति आवासीय बालक उच्च विद्यालय,. अनुसूचित जनजाति मध्य विद्यालय सरीखे विद्यालय हैं। इनमें से आदिम जनजाति प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या काफी कम है। पर अब स्कूल परिसर में हाई मास्ट लगाया जायेगा। सरकार की तरफ से बुनियादी सुविधाओं के विकास की जगह हाई मास्ट लगाने को प्राथमिकता दी जा रही है।
109 आवासीय विद्यालयों की सूची में से कई विद्यालयों में बिजली तक की सुविधा नहीं है। ऐसे में हाई मास्ट लाइट लगा कर सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने का मकसद समझ से परे हैं। उप निदेशक सुनील कुमार सिंह इसको लेकर अपनी गोटी सेट कर रहे हैं, ताकि आधारभूत संरचना खड़ा हो जाने पर बाद में इन विद्यालयों में हाई मास्ट लाइट संचालित खरीदने के लिए जीरो पोल्यूशन वाले न्वायज फ्री जेनरेटर भी स्थापित किये जा सकें, ताकि 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो सके। बताया जाता है कि इसको लेकर भी काफी मोल-भाव चल रहा है ताकि एक मोटी रकम कंपनियों के जरिये टेंडर में हासिल किया जा सके। ऐसी कंपनियों की तलाश की जा रही है, जो तय इस्टीमेट में से निविदा समिति को अच्छा खासा रिटर्न दे सकें। कल्यण विभाग के सचिव की ओर से जारी स्वीकृत्याजेश में कहा गया है कि योजना के क्रियान्वयन स्थल पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरफ से शिलापट्ट भी लगाना होगा। राशि की निकासी को लेकर सरकार के तय आदेशों का पालन करने को कहा गया है और एक हाइमास्ट लाइट लगाने के छह माह के अंदर उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र भी सरकार को देनी होगी।