L19/Ranchi : ईडी के द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद आज आइएएस छवि रंजन को प्रवर्तन निदेशालय के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में लाया गया। ईडी ने उन्हें हिरासत में लेते हुए शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में हाजिर किया था। जिसके बाद पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें छह दिनों की हिरासत में भेज दिया। शनिवार को उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में रखा गया। आज ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। दरअसल आइएएस छवि रंजन पर गलत तरीके से आर्मी की जमीन बेचने में सहयोग करने का आरोप है।
ईडी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें शनिवार की देर शाम निलंबित भी कर दिया गया है। कार्मिक विभाग की ओर से इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है। हिरासत में लिए जाने के पहले भी ईडी आइएएस छवि रंजन से पूछताछ कर चुकी है। यह पूछताछ सेना के कब्जे वाली भूमि और अन्य विवादित जमीनों की खरीद-बिक्री में भ्रष्टाचार करने के आरोप से जुड़ा हुआ है। बता दें कि अदालत में पेश करते हुए ईडी ने कोर्ट से 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड ही ग्रांट की। ईडी शनिवार तक आइएएस छवि रंजन से सवाल-जवाब करेगी।
इन दिनों में अवैध जमीन बिक्री, गलत कागजात प्रोड्यूश करने, लोगों की संलिप्तता से संबंधित सवाल ईडी कर सकती है। इससे पहले रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मणि से पूछताछ की गयी। पूछताछ के दौरान वैभव मणि ने रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन व चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन से संबंधित मामले में रजिस्ट्री से संबंधित कागजात भी ईडी को सौंपा है। वैभव मणि त्रिपाठी ने ईडी को बता दिया है कि उन्होंने किस परिस्थिति में और किसके कहने पर रजिस्ट्री की। ईडी को पूछताछ में वैभव मणि से कुछ अन्य जमीन के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसपर आगे का अनुसंधान शुरू हो गया है।
इसी मामले में 13 अप्रैल को छापेमारी की गयी। जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनसे लगभग 12 दिन पूछताछ की गयी। उसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपितों को जेल भेज दिया है। इन पर सेना की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, फर्जीवाड़ा करने व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने आदि के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।