L19 DESK : पूरे राज्य भर से शनीवार को टेट पास पारा शिक्षक वेतनमान की मांग को लेकर सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे। बता दे की की पारा शिक्षक लगातार अपने मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे है। पारा शिक्षकों ने मोरहाबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर न्याय मार्च निकाला। लेकिन पुलिस ने मोराबादी के बीच सड़क पर ही इन सहायक शिक्षक बैरिकेडिंग के सामने रोक दिया। इस दौरान सहायक अध्यापक पुलिस से बैरिकेडिंग हटाने की मांग करते रहे। टेट पास सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले सड़क पर उतरे ये पारा शिक्षक सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
वेतनमान की मांग कर रहे आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने सरकार द्वारा आयोजित होने वाली सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल नहीं होने की धमकी दी है। सरकार की गलत नीति से नाराज सहायक शिक्षकों का कहना है कि पिछले 15 से 20 सालों से वे सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं और अब सरकार परीक्षा लेकर उन्हे नियमित करने की बात कह रही है जो न्याय संगत नहीं है।
आगे शिक्षकों ने कहा की पूरे राज्यभर में सरकार के खिलाफ उलगुलान करेंगे और नाकेबंदी कर देंगे। जिस वक्त समय समझौता हो रहा था तो उस समय सीएम ने यह कहा था कि 3 महीने के भीतर वेतनमान कर दी जाएगी। मगर आज तक यह नहीं हुआ। ऐसे में पारा शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। हम न्याय मार्च के जरिए हेमंत सरकार के समक्ष गुहार लगाने आये हैं कि हमारी मांगों को जल्द से जल्द सुने नहीं तो राज्य के करीब 15 हजार पारा शिक्षक आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने पर उतारू हो जाएंगे।
झारखंड की सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा सहायक शिक्षकों के बदोलत ही चल रही है। ये शिक्षक पिछले 20 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं। इनकी संख्या 60 हजार है। इनमें से 14042 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट भी है। सरकार ने इनके लिए अलग से नियमावली भी बना रखी है। जिसमें मानदेय देने की बात कही गयी है। ये शिक्षक अपनी शिक्षक पात्रता और 20 साल के अनुभव के आधार पर मानदेय की जगह वेतनमान की बात कर रहे हैं।