L19 Ranchi : आज दोपहर में कार्यक्रम का शुरुआत आदिवासी परंपरा रीति रिवाज के साथ पाहन के पूजा के साथ हुआ।संविधान दिवस के अवसर पर आज हज़ारों के भीड़ में संविधान के प्रस्तावना को एक साथ पढ़ कर शपथ लिया गया।झारखण्ड के 32 आदिवासी समुदाय के द्वारा आदिवासी रीति रिवाज परंपरा के साथ गीत संगीत एवं सांस्कृतिक नृत्य पेश किया गया। लातेहार जिला के महुआडांड़ प्रखंड से भूईहर मुंडा आदिवासी समुदाय द्वारा सांस्कृतिक नृत्य पेश किया गया और यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि हम मुंडा की उपजाति हैं हम भी आदिवासी है हमारा भाषा संस्कृति परंपरा रीति-रिवाज सब कुछ आदिवासी का है केंद्र सरकार हमें अनुसूचित जनजाति का सूची में शामिल करे , बिहार के वक्त हम अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में ही आते थे। दीपक तिर्की (चक दे बच्चे सिंगिंग रिअलिटी शो – 2008 के विनर ) के द्वारा नागपुरी गाना प्रस्तुत किया गया जिससे सभी लोग झूम उठे। जमशेदपुर के Atript बैंड द्वारा नागपुरी गाना प्रस्तुत किया गया जो eastern और western का fusion हैं। Sounds of Jharkhand द्वारा मुंडारी गाना प्रस्तुत किया गया। ट्राइबल फैशन शो में आदिवासी परिधान में राम वॉक भी किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन NGO “मानव कल्याण”, द्वारा तथा को-आर्डिनेट “इंडिजीनस वेलफेयर सोसाइटी” तथा मैनेज “ट्राइबल युथ फेस्ट टीम – 23” कर रही है। इस महोत्सव में झारखंड सरकार के सांस्कृतिक निदेशालय, पर्यटक, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, द्वारा झारखंड के कला एवं संस्कृति को प्रस्तुत एवं बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंडार विधायक शिल्पी नेहा तिर्की एवं राज्यसभा सांसद महुआ माजी शामिल हुई, अपने वक्तव्य में युवाओं के अंदर ऊर्जा भरने काम किया, साथ ही उन्होंने आदिवासी समाज को अपनी सुंदर आदिवासी सांस्कृतिक नृत्य पेश करने के लिए धन्यवाद और आभार वक्त किया।
आयोजन कमिटी के अध्यक्ष अजीत लकड़ा ने कहा कि ऐसा कार्यक्रम आने वाले दिन में मील का पत्थर साबित होगा। सचिव शशि पन्ना ने कहा कि इस कार्यक्रम का theme connect with culture है, आदिवासी समुदाय के वैसा युवा जो अपना संस्कृति को भूलते जा रहे है उसे अपने आदिवासी संस्कृति की जोड़े कर रखे और इस कार्यक्रम से मध्यम से अपनी संस्कृति को और अच्छे से जाने और जुड़े रहे।कमिटी के संरक्षक अनिल अमिताभ पन्ना का कहना है कि झारखंड के 32 जनजातियों को एक मंच में लाना और एक दूसरे के सामाजिक संस्कृति मिलन करना है ताकि युवा अपने जड़ से जुड़े रहे।संरक्षक अमरनाथ लकड़ा का कहना है कि आने वाले दिनों में देश के आदिवासियों को एक मंच में लाने का प्रयास होगा।
यह कार्यक्रम 26 एवं 27 नवम्बर 2023 को दोपहर 12बजे से रात 10बजे तक होगा । इस कार्यक्रम का उद्देश्य झारखंड के माटी की खुश्बू यानी यहाँ की संस्कृतिक पहचान को सारे विश्व में फैलाना है, इस मंच में माध्यम से क्षेत्रीय कलाकारों को बेहतर अवसर प्रदान करना है ताकि वो अपने कला को दुनिया के सामने प्रदर्शित कर सकें । इंस्ट्रूमेंट्स से ट्रेडिशनल थीम में शो कर के लोगों को झुमाएँगे । कला संस्कृति विभाग के मंत्री माननीय हफीजुल हसन 27 नवंबर को मुख्य अतिथि के तौर पर आएँगे बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री बंधू तिर्की जी आएंगे।
आयोजक समिति सदस्य –
- अजित लकड़ा ( अध्यक्ष )
- कृष्णा लकड़ा ( महासचिव )
- शशि पन्ना ( सचिव )
- बिनोद कच्छप ( कोशाध्यक्ष )
- पंकज भगत ( कोशाध्यक्ष )
- प्रतीत कच्छप ( संयोजक )
- आकाश बाड़ा ( संयोजक )
- बिपिन टोप्पो- जिप सदस्य ( संरक्षक सह सलाहकार )
- अमरनाथ लकड़ा ( संरक्षक सह सलाहकार )
- अनिल अमिताभ पन्ना ( संरक्षक सह सलाहकार )
- नितिन तिर्की ( संरक्षक सह सलाहकार )
- कुणाल किशोर उरांव( संरक्षक सह सलाहकार )
- अल्बीन लकड़ा( संरक्षक सह सलाहकार