Sunita Munda
L19 Desk : झारखंड में हेमंत सोरेन की नेतृत्ववाली कांग्रेस, राजद गंठबंधन की सरकार में अब तक पांच विधानसभा उप चुनाव हुए हैं। इससे पहले हुए चार उप चुनाव यानी दुमका, मधुपुर, बेरमो और मांडर में गंठबंधन के उम्मीदवार को विजय मिली थी।
दुमका में बसंत सोरेन झामुमो के प्रत्याशी थे, जिन्होंने भाजपा की उम्मीदवार लुईस मरांडी को 6842 मतों से पराजित किया था। इसके बाद कांग्रेस की परंपरागत सीट रही बेरमो सीट पर अनुप सिंह उर्फ जयमंगल सिंह को लोगों ने विधानसभा भेजा। अनुप सिंह ने अपने विरोधी रहे भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को 14248 मतों से पराजित किया था। बेरमो और मधुपुर विधानसभा उपचुनाव एक ही दिन हुआ था।
मधुपुर में झामुमो के हफीजुल हसन अंसारी ने भाजपा के गंगा नारायण सिंह को 5292 मतों से पराजित करते हुए झामुमो कोटे की सीट बरकरार रखी थी। चौथा चुनाव मांडर विधानसभा में बंधु तिर्की की सदस्यता समाप्त होने के बाद करायी गयी थी। इस चुनाव में बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 23500 वोटों से हराया था। यानी पांचवें उप चुनाव के पहले सभी चारों सीट यूपीए गंठबंधन के खाते में गये थे और भाजपा को करारी शिकस्त मिली थी।
रामगढ़ उप चुनाव यूपीए और राजग गंठबंधन दोनों के लिए महत्वपूर्ण था। यूपीए समर्थित कांग्रेस के उम्मीदवार बनाये गये बजरंग महतो को पक्ष में सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इससे पहले आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी प्रमंडलों में चलाया। इसके लिए करोड़ों रुपये फूंके भी गये. इस बीच 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति भी लायी गयी। फिर स्थानीय और नियोजन नीति में संशोधन प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है. सरकार के मुखिया और अन्य सहयोगियों ने खतियानी जोहार यात्रा भी निकाली। पर रामगढ़ की जनता ने सरकार के इस फैसले के इतर आजसू प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना मताधिकार का प्रयोग किया।
कुल मिला कर कहें तो मांडर उप चुनाव को छोड़ कर शेष तीन उप चुनावों में सत्तारूढ़ दल ने जीत हासिल कर विपक्षियों के मंसुबे को नेस्तनाबुद कर दिया था। रामगढ़ उप चुनाव के नतीजे ने सत्तारूढ़ दल के हौसलों पर ब्रेक लगाने का काम किया है।
रामगढ़ उप चुनाव के नतीजे 2024 के लोकसभा और झारखंड विधानसभा के चुनाव को प्रभावित जरूर करेंगे। जहां यूपीए हार का विश्लेषण कर अपनी कमजोरियों का आकलन करेगी। वहीं राजग के सहयोगी दल अपनी मजबूती को और सुदृढ़ करेंगे।
अब तक हुए झारखंड के उप चुनाव
मांडर विधानसभा उप चुनाव 2022
कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की ने भाजपा की गंगोत्री कुजूर को 23500 वोटों से हराया था। नेहा को 91545 वोट मिले थे, जबकि गंगोत्री कुजूर को 71545 वोट मिले थे।
दुमका विधानसभा उप चुनाव 2020
दुमका विधानसभा उप चुनाव में झामुमो के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने भाजपा प्रत्याशी लुईस मरांडी को 6842 मतों से हराया था. बसंत सोरेन को 80333 वोट मिले थे, जबकि लुईस मरांडी को 73563 वोट मिले थे।
बेरमो विधानसभा उप चुनाव 2021
बेरमो विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज विधायक राजेंद्र सिंह के निधन पर उनकी विरासत को बेटे अनुप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल सिंह ने संभाला। विधानसभा के मतदाताओं ने अनुप सिंह को 92402 मत देकर विधायक बनने का मार्ग प्रशस्त किया। अनुप सिंह ने भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल को 14248 मतों से पराजित किया था। भाजपा कैंडिडेट को 78153 मत मिले थे।
मधुपुर विधानसभा उप चुनाव
मधुपुर विधानसभा की सीट हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद खाली हुआ था। विधानसभा उप चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन अंसारी ने 5292 वोटों से भाजपा के गंगा नारायण सिंह को हराया था।
रामगढ़ विधानसभा उप चुनाव 2023
आजसू पार्टी की उम्मीदवार सुनीता चौधरी ने 21970 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग महतो को हरा कर जीत हासिल की है। सुनीता चौधरी ने पहली बार उप चुनाव में राजग को बढ़त दिलायी। सुनीता चौधरी को कुल 115,669 वोट मिले, जबकि बजरंग महतो को 93699 वोट मिले।