L19 DESK : नौ अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जायेगा। झारखंड की राजधानी में भी जनजातीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। पर क्या आपको मालूम है कि झारखंड में रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जनजातीय महोत्सव और कार्यक्रमों पर मिलनेवाले अवकाश में कटौती कर दी है। यानी झारखंड राज्य का प्रसिद्ध करमा पूजा और क्रिसमस के दिन विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से छुट्टी नहीं दी जायेगी। यह दलील दी गयी है कि राजभवन के आदेश से ऐसा किया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के इस रवैये को लेकर राजनीतिक दलों में भी रोष देखा जा रहा है।
आजसू विधायक लंबोदर महतो का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन का यह रवैया राज्य के जनजातीय आबादी के हित में नहीं है। इस पर फिर से पुनर्विचार करना चाहिए। वहीं अन्य राजनेताओं ने भी रांची विश्वविद्यालय की ओर से छुट्टियों में कटौती किये जाने का विरोध किया गया है। यानी आदिवासी राज्य, जनजातीय सरकार के कार्यकाल में आदिवासियों के पर्व, त्योहारों की ही छुट्टी अब रांची विश्वविद्यालय नहीं देगा। रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन ने वर्ष 2023 के लिए पूर्व में जो छुट्टी की घोषणा की थी, उसमें श्रावण मास के अंतिम सोमवारी, कर्मा पूजा, क्रिसमस और चेहल्लुम तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अवकाश देने की बातें कही गयी थीं।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने नौ दिसंबर 2022 को 2023 की छुट्टी की सूची मेमो नंबर 1233 से की थी। इसमें कुल 57 दिनों के अवकाश देने की घोषणा वोकेशनल और नन वोकेशनल पाठ्यक्रमों के लिए की गयी थी। अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। अब विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से करमा पूजा और क्रिसमस के अवकाश को रेस्ट्रिक्टेड होलिडे (प्रतिबंधित अवकाश) की श्रेणी में परिभाषित कर दिया गया है। यह कहा गया है कि नव वर्ष, रविदास जयंती, करमा पूजा, विश्वकर्मा पूजा, कलश स्थापना के दिन कोई अवकाश नहीं रहेगा, क्योंकि ये सभी अवकाश रविवार को पड़ रहे हैं। यह अधिसूचना 10 जून 2023 को जारी की गयी है।