L19/DESK : रांची-लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड में कुल 2,53,86,152 वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 21,67,270 युवा मतदाता पहली बार वोटिंग करेंगे. इनमें युवकों से अधिक युवतियां हैं. मतदाता सूची के मुताबिक 18 से 22 वर्ष तक के 21,67,270 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा चुनाव में वोट डालेंगे. इनमें 10,64,282 युवक व 11,02,903 युवतियां हैं. इनके अलावा 85 थर्ड जेंडर मतदाता हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे. झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं.
इनमें सर्वाधिक मतदाता धनबाद संसदीय क्षेत्र में हैं. यहां 22.45 लाख से अधिक वोटर्स सांसद चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार झारखंड में सबसे कम मतदाता खूंटी संसदीय क्षेत्र में है. यहां 13.10 लाख मतदाता लोकसभा चुनाव में वोट डालेंगे. इसके अलावा सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में 14.28 लाख व लोहरदगा में 14.21 लाख मतदाता लोकसभा चुनाव में अपना वोट डालेंगे. शेष सभी संसदीय क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या 15 लाख से अधिक है. चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित मतदाता सूची के मुताबिक झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या 2,53,86,152 है. इसमें से 1,29,37,458 पुरुष व 1,24,48,225 महिला मतदाता हैं. थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 469 है. मतदाता सूची में शामिल 18 से 22 वर्ष तक के 21,67,270 युवा मतदाता पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 10,64,282 मतदाता युवा व 11,02,903 युवतियां हैं. इनमें अलावा 85 थर्ड जेंडर के मतदाता भी पहली बार वोट डालेंगे.झारखंड युवाओं का राज्य है। इस युवा राज्य में 70% आबादी 35 साल तक की आयु वालों की है। 25 साल से कम युवा आबादी के मामले में झारखंड देश भर में तीसरे स्थान पर है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल की 2020 में आई SRS (सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) रिपोर्ट के अनुसार देश में जहां 25 साल से कम के युवाओं की आबादी 46.9% है, वहीं झारखंड में यह संख्या 51.9% है। दो राज्य- बिहार और यूपी हमसे इस मामले में आगे हैं। बिहार में 25 वर्ष से नीचे की आबादी 57.2% है और यूपी में 52.7 प्रतिशत है। राज्य में युवाओं की फौज है, जो लंबे समय तक बरकरार रहेगी, पर कामकाजी आबादी राष्ट्रीय औसत से कम है। कामकाजी आबादी का राष्ट्रीय औसत 66% है और झारखंड में यह 63.9% ही है। इस मामले में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, प. बंगाल और उत्तर प्रदेश हमसे आगे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की आबादी 6.4% है, जबकि इस उम्र की देश में राष्ट्रीय औसत 8.1% है। राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड 60 साल से अधिक आयु की आबादी के मामले में देश में 20 राज्यों से पीछे है। 65 वर्ष के पार की आबादी 3.9 प्रतिशत है। राज्य में 18,000 लोगों पर एक डॉक्टर और करीब 2400 मरीजों पर एक बेड है। who के मुताबिक एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होने चाहिए। जबकि राज्य सरकार प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बजट पर 3000 करोड़ रुपए खर्च करती है। राज्य के 14-18 उम्र के 58.7% किशोर लिखना पढ़ना नहीं जानते हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। छात्र-शिक्षक अनुपात भी चिंताजनक है। 42.16 लाख छात्र हैं। 102 छात्रों पर एक स्थायी शिक्षक है। आरटीई नियमों के मुताबिक 30 बच्चों पर एक शिक्षक होने चाहिए। मानव विकास सूचकांक (ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स) के 2018 के 29 राज्यों की सूची में झारखंड 27वें नंबर पर रहा