L19 DESK : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) क्लाइमेट समिट का आय़ोजन भारत में साल 2038 में किया जाये, इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में आयोजित COP28 समिट के दौरान प्रस्ताव रखा। इस दौरान पीएम ने भारत द्वार क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिये महत्तवपूर्ण कदमों का उल्लेख किया।
वहीं, इस दौरान ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने भारत में आयी बाढ़ का जिक्र कर दिया। बकौल किंग चार्ल्स, “क्लाइमेट चेंज की वजह से ही भारत और पाकिस्तान में भीषण बाढ़ आई थी। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और ग्रीस के जंगलों में भी आग लग गई। यदि हम तेजी से सुधार नहीं करते हैं और प्रकृति को नहीं सुधारते हैं, तो पूरी दुनिया में सद्भाव और संतुलन खराब हो जाएगा। इसी की वजह से यह दुनिया बची हुई है। हमारी अर्थव्यस्था भी क्लाइमेट खराब होने के बाद सुरक्षित नहीं रह सकती।”
उन्होंने समिट में मौजूद वैश्विक नेताओं से कहा कि क्लाइमेट चेंज अब हमारे लिये एक भारी संकट उत्पन्न कर सकता है। इसके लिये अहम कदम नहीं उठाए गये, तो इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से प्रार्थना करता हूं कि इस सम्मेलन में ऐसी सहमति बन सकेगी, ताकि हम क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिये कुछ कदम उठा सकेंगे। जैसा कि हम देख ही सकते हैं कि प्रकृति हमें किस तरह चुनौती देती दिखायी दे रही है।
उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिये हम सरकारों के अलावा निजी संस्थानों को भी साथ ले सकते हैं। इशके अलावा इंश्योरेंस सेक्टर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।