L19/Ranchi : अब ईडी, सीबीआई या किसी भी बाहरी जांच एजेंसी के समन पर राज्य सरकार के अधिकारी सीधा हाजिर नहीं होंगे, न ही कोई दस्तावेज पेश करेंगे। इसके लिये पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी, इसके बाद ही कोई कागजात या रिकॉर्ड पेश किये जा सकते हैं। और संबंधित अधिकारी पदाधिकारी एजेंसी के समक्ष हाजिर हो सकते हैं।
ये फैसला झारखंड कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। हालांकि, इसमें किसी खास एजेंसी को चिह्नित नहीं किया गया है। बैठक के दौरान कहा गया कि कुछ समय से सरकार के संज्ञान में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें राज्य के बाहर की जांच एजेंसियों द्वारा सरकार के सक्षम प्राधिकार को बताये बगैर पदाधिकारियों को सीधे समन कर हाजिर होने को कहा जाता है। कई मामलों में सरकारी कागजात और रिकॉर्ड्स की मांग कर दी जाती है। ऐसे में सरकारी अधिकारी अपने dept head या senior अफसरों को संज्ञान में लाए बिना ही सरकारी दस्तावेज और रिकॉर्ड एजेंसी के समक्ष पेश कर देते हैं जो कि नियमों के खिलाफ है।
इससे संबंधित कार्यालय में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। साथ ही सरकारी काम काज में बाधा भी आती है। संभावना ये भी रहती है कि जो दस्तावेज या रिकॉर्ड्स उपलब्ध कराये गये हैं, वे अधूरे हों, या फिर सूचना असंगत हो। जो कि राज्य सरकार के काम काज और बाहरी एजेंसियों की जांच को प्रभावित करता है। इसलिये अब जब कभी किसी पदाधिकारी को बाहरी एजेंसी समन करती है,तो इसकी जानकारी वे सबसे पहले अपने dept head को देंगे।
इसके बाद विभागीय प्रधान का यह दायित्व होगा वे बिना देरी के संबंधित मामले में मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को तथ्यों की जानकारी से रूबरू करायें। निगरानी विभाग को ऐसे मामलों के लिए नोडल विभाग बनाया गया है। नोडल विभाग सूचना प्राप्त होने पर तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी परामर्श लेगा। परामर्श के बाद ही बाहरी जांच एजेंसी की कार्रवाई में राज्य के पदाधिकारी अपना सहयोग दे पाएंगे।
इस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री ने पहले सहमति दी थी। इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया था। आपको बता दें कि झारखंड से पहले ये व्यवस्था पश्चिम बंगाल में लागू है। लेकिन इसका असर क्या होगा? बताया जाता है कि इसका असर जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर पड़ेगा। उनकी जांच प्रभावित हो सकती है। जांच में देरी हो सकती है। जिससे उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
और बहुत मुमकिन है कि कल यानि कि 11 जनवरी को साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव राज्य सरकार के इस फैसले का अनुपालन करेंगे, और ईडी के समक्ष हाजिर नहीं होंगे। बता दें कि ईडी की ओर से उन्हें साहिबगंज के अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिये 11 जनवरी की तारीख दी गयी थी।