L19/Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओड़िशा का नया राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनको ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त कर दिया है। जिस दिन वह पदभार ग्रहण करेंगे, उसी दिन से उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी। फिलहाल, रघुवर दास भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे। झारखंड के मुख्यमंत्री बनने से पहले वे उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 2020 में जगत प्रकाश नड्डा की टीम में उन्हें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। रघुवर दास झारखंड के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।
वर्ष 1977 में रघुवर दास ने जनता पार्टी की सदस्यता ली। वर्ष 1980 में बीजेपी की स्थापना हुई, तो वह इस पार्टी से जुड़ गए। मुंबई में आयोजित पार्टी के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्होंने हिस्सा लिया। राजनीति को उन्होंने सेवा का माध्यम मानकर छात्र राजनीति से ही इस ओर कदम बढ़ा दिए थे। रघुवर दास छात्र संघर्ष समिति के संयोजक बने और जमशेदपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जोरदार आंदोलन किया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की। आंदोलन के लिए जमशेदपुर के युवाओं एवं छात्रों को संगठित किया। फलस्वरूप उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई करने वाले रघुवर दास को बीजेपी में पहली बड़ी जिम्मेदारी तब मिली, जब उन्हें सीतारामडेरा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया। 15 नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 तक वह बाबूलाल मरांडी की कैबिनेट में रघुवर दास को श्रम मंत्री बनाया गया था। 2005 में अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी, तो उन्हें वित्त, वाणिज्य एवं नगर विकास मंत्री बनाया गया। इस पद पर वह 12 मार्च, 2005 से 14 सितंबर, 2006 तक रहे। 30 दिसंबर, 2009 को शिबू सोरेन की सरकार में उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। 30 मई, 2010 तक वह उप मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे।
2014 से लेकर पूरे पांच साल तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सत्ताविरोधी लहर का सामना करना पड़ा और वह जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले उनकी ही कैबिनेट के सदस्य रहे सरयू राय ने उन्हें पराजित कर दिया।