L19 DESK : राजधानी रांची में पिछले साल 10 जून को हुई हिंसा की NIA जांच पर प्रार्थी से झारखंड हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने बुधवार को प्रार्थी को यह बताने को कहा है कि वह इस घटना की एनआईए से जांच क्यों कराना चाहते हैं। एनआईए जांच कराने के लिए उनके पास जो भी दस्तावेज हैं, उसे कोर्ट में पेश करें। दो हफ्ते में दस्तावेज जमा करने का कोर्ट ने समय दिया है। पंकज कुमार यादव ने इस सबंध में याचिका दायर की है।
सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान बताया गया कि किसी भी हिंसा के बाद सीआईडी की जांच सामान्य प्रक्रिया है। सीआईडी ऐसी घटना के बाद जांच करती है। इस मामले में भी ऐसा हुआ है व जांच जारी है। वहीं, प्रार्थी का कहना था कि यह एक सुनियोजित घटना थी। इसलिए एनआईए जांच होनी चाहिए।
रांची हिंसा से जुड़े एक मामले में जेल में बंद कलाल टोली निवासी अफसर आलम, इस्लाम नगर पत्थर कुदवा निवासी सबीर अंसारी व उस्मान उर्फ करन कच्छप को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। अपर न्यायायुक्त पीके शर्मा की अदालत ने तीनों आरोपियों की ओर से दाखिल जमानत अर्जी सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। तीनों डेली मार्केट कांड संख्या 16/2022 मामले में 16 अगस्त 2022 से जेल में हैं।
10 जून 2022 को हुई थी हिंसा
बता दे कि राजधानी रांची में 10 जून 2022 को हिंसा भड़की थी। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। दरअसल, रांची के मेन रोड इलाके में बीजेपी प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के विषय में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था। बंद समर्थकों ने इकरा मस्जिद से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च निकाला। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी, पत्थरबाजी करने लगे तो पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की।