Hazaribagh : कोरोना से बचाव के लिए एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है,इसके बावजूद हजारीबाग में वैक्सीन लेने वालों की संख्या में बेहद कमी दिख रही हैप्रतिशत कि बात करें तो आंकड़ा चौंकाने वाला है। 15 से 17 वर्ष तक की उम्र में फर्स्ट डोज महज 68 प्रतिशत किशोरों ने ली है। वहीं सेकंड डोज महज 45% युवाओं ने लिया है। 15 से 17 वर्ष के बीच की आयु की बात की जाए, तो सेकंड डोज सबसे कम कटकमसांडी प्रखंड के युवाओं ने लिया है, जिनका प्रतिशत 25 है । वहीं सबसे अधिक शहरी क्षेत्र के युवाओं ने वैक्सीन लिया है । 12 से 14 वर्ष के बीच की बात की जाए, तो सेकंड डोज लेने वालों का प्रतिशत महज 53 है, वहीं पहली डोज 64% लोगों ने ली है, दूसरी डोज सबसे कम सदर प्रखंड के 40% लोगों ने ली।वहीं पहली डोज सदर प्रखंड के 49 प्रतिशत लोगों ने ली है।
18 वर्ष के ऊपर की बात की जाए, तो प्रिकॉशन डोज महज 14% लोगों ने लिया है, वहीं दूसरी डोज 75 प्रतिशत लोगों ने ली है। यह जो आंकड़े हैं, वह स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि युवाओं में वैक्सीन लेने को लेकर उत्साह नहीं है, इसके कई कारण सामने आ रहे हैं, युवाओं का कहना है कि उन लोगों को जानकारी नहीं मिल रही है। कि वैक्सीन कैसे, कब और कहां लेनी है, इस कारण वे लोग वैक्सीन सेंटर की ओर रुख नहीं कर पा रहे हैं, दूसरी ओर अभिभावक भी युवाओं को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित नहीं कर रहे हैं. इस कारण भी बच्चे वैक्सीन सेंटर तक नहीं पहुंच रहे हैं,
अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो 12 से 14 और 15 से 17 उम्र के बच्चों में वैक्सीन लेने को लेकर रूचि नहीं दिख रही है। ऐसे में जिला प्रशासन, अभिभावक और स्कूल कॉलेज प्रबंधन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी कि वह बच्चों को मोटिवेट कर वैक्सीनेशन का काम पूरा कराएं। हजारीबाग सिविल सर्जन डॉक्टर सरयू प्रसाद युवाओं से अपील कर रहे हैं कि वह वैक्सीन लेने के लिए सेंटर तक पहुंचे, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को वैक्सीनेट किया जा सके।