- मई 2022 में लागू हुई नयी उत्पाद नीति से सरकार को मिले 2060 करोड़
- पिछले वित्तीय वर्ष में शराब से रेवेन्यू की वसूली हुई थी 1806 करोड़
दीपक
L19 DESK : तमाम विरोध और राजनीतिक जुमलेबाजी के बीच उत्पाद विभाग ने रिकार्ड रेवेन्यू कलेक्ट किया है। झारखंड में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) की सलाह पर नयी उत्पाद नीति मई 2022 में लागू की गयी थी। साढ़े दस महीने में प्लेसमेंट एजेंसियों की मदद से सरकार ने 2060 करोड़ रुपये वसूले। यह 2021-22 के रेवेन्यू कलेक्शन यानी 1806 करोड़ की तुलना में 254 करोड़ रुपये अधिक है।
झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की ओर से संचालित रीटेल शराब की दुकानों की जगह प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा संचालित दुकानों की सेल का कीर्तिमान सरकार ने स्थापित किया। इसके कई मायने हैं। एक तरफ नयी उत्पाद नीति को लेकर सरकार के विरोधी लगातार हमला कर रहे थे कि शराब सिंडिकेट पूरे कारोबार पर हावी हो गया है।
जेएसबीसीएल की ओर से इगल हंटर, प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड, सुमित फैसिलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, ए2जेड प्राइवेट लिमिटेड और जीडीएक्स फैसिलिटीज को राज्य के 10 जोन में बांटे गये शराब दुकानों के संचालन की जवाबदेही दी गयी। इसके अलावा प्लेसमेंट एजेंसियों को यह कहा गया कि वह रेवेन्यू कलेक्शन में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतें।
जेएसबीसीएल की तरफ से अक्तूबर 2022 से लेकर नवंबर 2022 के दौरान कम रेवेन्यू वसूली को लेकर प्लेसमेंट एजेंसियों के 48 करोड़ रुपये तक की बैंक गारंटी तक सीज कर ली गयी। तमाम विपरीत परिस्थितियों में रिकार्डतोड़ वसूली से कईयों को जवाब मिल गया होगा। जनवरी 2023 से लेकर मार्च 2023 तक यह खबरें भी सामने आयी कि पूरे राज्य में मिलावटी और पानी मिला हुआ शराब बेचा जा रहा है।
ओवर प्राइसिंग की जा रही है। कुछ प्लेसमेंट एजेंसी झारखंड राज्य शराब व्यवसायी संघ के सीधे टार्गेट में रहे। इन तमाम चीजों को लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने 2060 करोड़ का पुनरीक्षित टार्गेट हासिल किया। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। नयी उत्पाद नीति डेढ़ महीने बाद यानी फायनांसियल ईयर 2022-23 शुरू होने के कुछ दिनों बाद लागू की गयी थी। सरकार ने इसको लेकर कई प्रयोग भी किये।
ओम साईं डिस्टलरीज और दिशिता वेंचर्स को थोक वितरक भी नियुक्त किया गया। दिसंबर 2022 में तीसरे वितरक के रूप में जेएसबीसीएल खुद मार्केट में आयी। नवंबर 2022 से लेकर अब तक जेएसबीसीएल ने प्लेसमेंट एजेंसियों की नियुक्ति को लेकर चार बार निविदाएं भी आमंत्रित की। इन जोखिमों के बाद भी प्लेसमेंट एजेंसियों ने अपना बेहतर परफारमेंस दिया। यहां आपको बताते चलें कि कंपनियों को दिसंबर 2022 से लेकर मार्च 2023 तक का बिक्री का कमीशन का भुगतान सरकार की तरफ से नहीं किया गया है।
जेएसबीसीएल की तरफ से राज्य भर में मिलावटी और नकली शराब बेचने के 55 मामले दर्ज किये गये, जिसमें 79 लोगों की गिरफ्तारी तक हुई। यहां तक की देश के एक नामी-गिरामी शराब मैन्यूफैक्चरर कंपनी रेडिको खेतान प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ली गयी तरंगिनी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसर को सील किया गया, क्योंकि वहां पर दूसरे ब्रांड की 170 पेटी अवैध शराब बरामद की गयी। सरकार ने नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद तीन उत्पाद आयुक्त भी बदले।
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम वाले सॉफ्टवेयर पर भी अंगूली उठायी गयी। इसके अलावा सभी रीटेल शॉप को सीसीटीवी कैमरे से लैश नहीं किया गया। प्लेसमेंट एजेंसियों की यह शिकायत रही कि अधिकतर दुकानों में जेएसबीसीएल की तरफ से रेफ्रीजरेटर मुहैया नहीं कराया गया।