L19 DESK : सोमवार को रांची के अवर निबंधक वैभवमनी त्रिपाठी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के दफ्तर में पहुंचे थे। यह दूसरी बार था, जब अवर निबंधक से इडी ने पूछताछ की है। मंगलवार को कोलकाता के निबंधक त्रिदीप मिश्रा से इडी पूछताछ करेगी। समाचार लिखे जाने तक त्रिदिप मिश्रा इडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे। सुबह 11 बजे उन्हें हिनू ईडी ऑफिस में रिपोर्ट करने को लेकर समन किया गया है। सेना के कब्जेवाली जमीन मामले में पूर्व उपायुक्त छवि रंजन से एक राउंड की पूछताछ हो चुकी है अब चार मई को उनसे दुबारा पूछताछ की जायेगी। आठ मई को फरजी दस्तावेज पर जमीन खरीदनेवाले कारोबारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की जायेगी।
ईडी के अधिकारियों ने रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से पूछताछ की। ईडी सूत्रों के मुताबिक इस पूछताछ के दौरान सब रजिस्ट्रार ईडी के कई सवालों का जवाब देते हुए असहज हुए। उनसे जमीन रजिस्ट्री के लिए किसने दबाव बनाया था। कागजातों की जांच में गड़बड़ी से संबंधित कई सवाल पूछे गए। ईडी रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी के जवाब से संतुष्ट नहीं हो सकी है। वहीं सोमवार को ही रांची सिटी डीएसपी और सदर थाना प्रभारी ईडी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने इस जमीन घोटाला से संबंधित जांच के दस्तावेज ईडी को सौंपे हैं।
रांची में सेना के कब्जेवाली जमीन की अवैध खरीद बिक्री मामले पर इडी ने 13 अप्रैल को पूर्व डीसी छवि रंजन के आवास समेत 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दिन रांची में फरजी कागजात पर जमीन की खरीद बिक्री करनेवाले सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। इतना ही नहीं रांची के बड़गाई अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप समेत दो जमीन ब्रोकर, एक अपराधी, एक फरजी जमीन मालिक समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 14 दिनों की रीमांड अवधि में पूछताछ करने के बाद उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है। इडी राजधानी में जमीन के अवैध कारोबार को लेकर मुख्य किंगपीन तक पहुंचना चाहती है। इसको लेकर कई जमीन बिचौलिये, रांची के बड़े भवन निर्माता समेत अन्य तक इडी के अधिकारी पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।