L19 DESK : झारखंड में जेपीएससी की ओर से बड़े पैमाने पर गैर शैक्षणिक विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति के लिये आयोजित इंटरव्यू में उम्मीदवार शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके वजह से सीटें खाली रह जा रही हैं। इससे साफ होता दिख रहा है कि डॉक्टर सरकारी नौकरी के तरफ दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। बता दें, जेपीएससी की ओर से 20 से 24 सितंबर तक गैर शैक्षणिक चिकित्सक के 771 पदों पर इंटरव्यू लिया गया। हालांकि 266 उम्मीदवार ही इस इंटरव्यू में शामिल होने आये। इससे कहा जा रहा है कि इस बार भी पद खाली रह जायेंगे।
कुछ ऐसा ही हाल साल 2015 का भी था, जहां 654 पदों पर नियुक्ति होनी थी। जब इंटरव्यू की बारी आयी तो केवल 162 उम्मीदवारों ने दिलचस्पी दिखाई। बाकि के 492 पद खाली रह गये। ठीक इसी तरह साल 2018 में इस पद पर नियुक्ति के लिये 386 सीटों की भर्ती निकली, मगर केवल 70 पद पर ही नियुक्ति हो सकी। बाकि के 316 पद खाली रह गये। वहीं 2018 में ही बैकलॉग के 14 पद के लिये इंटरव्यू लिया गया, मगर 12 पद खाली रह गये। केवल 2 पदों पर ही भर्ती हो सकी।
वहीं, कई डॉक्टरों का सरकारी नौकरी न लेने के पीछे के कारणों के बारे में कहना है कि उन्हें दूर इलाके या मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग नहीं मिल रही थी। सैलेरी भी ढंग की नहीं मिल रही थी। जबकि एक विशेषज्ञ डॉक्टर होने के वजह से उनका निजी क्लिनिक से कमाई, निजी अस्पताल में मनचाहा वेतन के साथ नौकरी का ऑफर उन्हें आकर्षित करता है।