गोमिया वन क्षेत्र अन्तर्गत वन विश्रामागार में चौकीदार के पद पर कार्यरत सूर्यदेव यादव पिछले तीन वर्षो से उन्हें मानदेय नहीं मिलने के कारण भुखमरी की स्थिति में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सूर्यदेव वर्ष 1983 से इस विभाग में कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में 2004 से गोमिया में पदस्थापित हैं। उन्होंनें बताया कि पिछले दो साल से मानदेय भुगतान के लिए पात्र भेजा रहे हैं। लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। पत्र भेजने के साथ टोल फ्री नंबर पर भी बात कर चुके हैं, मगर कुछ हो नही पाया हैं।
सूर्यदेव यादव योगदान से लेकर अभी तक के सभी कागजातों को दिखाते हुए बताते हैं कि मुख्यमंत्री से लेकर विभाग के छोटे और बडे अधिकारीयों को पत्र लिख चुके हैं, कोई परिणाम नही निकला । परिवार में पत्नी और दो बेटा और दो बेटी है। महंगाई के इस दौर में परिवार का गुज़ारा काफी मुश्किल बताते है।
सूर्यदेव यादव ने यह भी बताया की बताया कि 01 अप्रैल 2020 से लगातार तीन माह गुजर जाने के बाद मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो उसी समय मौखिक रूप से उन्होंने अपने बडे अधिकारियों को सूचित कर दिया । धीरे-धीरे 6 महीने बीत गये मगर भुगतान नहीं हुआ । 22 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री और श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा गया। इस पर भी सुनवाई नहीं हुआ तो फिर 8 जुलाई 2021 को फॉरेस्ट झारखण्ड कम्पलेन या सजेशन मैनेजमेंट सिस्टम में अपनी पीड़ा दर्ज़ कराई गई । फिर 18 नवंबर 2021 को वन प्रमण्डल पदाधिकरी बोकारो को लिखित आवेदन दिया गया। 15 फरवरी 22 को वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग रांचीं के अपर सचिव को पत्र दिया गया। फिर 16 दिसंबर 2022 को वन प्रमण्डल पदाधिकारी बोकारो, इसके बाद 4 जनवरी 2023 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक रांची को भी मेल किया गया हैं। इसी महीने का 17 फरवरी को टोल फ्री नंबर पर बात कर अपनी पीडा भी साझा की गयी थी, लेकिन नतीज़ा कुछ नही मिकला ।