L19 DESK : झारखंड के बाद अब बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग होने लगी है। इसे लेकर युवा लगातार राज्य में डोमिसाइल नीति लागू करने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया के एक्स हेंडल पर #DomicileForBihari बीते दिन से ही ट्रेड कर रहा है। बिहार में बहारी लोगों को नौकरी मिलने से युवाओं का काफी आक्रोश है। उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द स्थानीय नीति लागू करें। जिसे लेकर एक्स पर रविवार को जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया।
बिहार के बेरोजगार युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। युवाओं ने सीधे तौर पर ऐलान कर दिया है कि वोट दे रहे हैं बिहारी और नौकरी ले बिहारी, ऐसा नहीं चलेगा। बिहार के नौकरियों पर सिर्फ और सिर्फ बिहारियों का अधिकार है। युवाओं का कहना है कि तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े वादे किए थे। तेजस्वी ने चुनावी मंच से कहा था कि सत्ता में आते ही 10 लाख नौकरी देंगे लेकिन लगता है कि सत्ता की सुख में वो सब भूल बैठे हैं।
जब बिहार में हमें नौकरी नहीं मिलेगा तो हम दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी ही करेंगे न..युवाओं ने कहा कि बिहार में दूसरे प्रदेश के युवा आकर राज्यकर्मी का दर्जा पा रहे हैं वहीं बिहार के युवा बाहर जाकर राज्यमिस्त्री का काम कर रहें है। युवाओं को सबसे ज्यादा नाराजगी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो पलटी मारने में माहिर हैं ही अब लगता है उपमुख्यमंत्री भी पलटी मार रहे हैं। सरकार हमारी और नौकरी करें बाहरी।
जानकारी हो कि बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली प्रकिया से 1 लाख 22 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की है। रिजल्ट आने के बाद तेजस्वी यादव की पार्टी दावा कर रही है कि उनकी सरकार आते ही बिहार के बेरोजगारों को नौकरी देने का रिकॉर्ड बना दिया है। हालांकि बीपीएससी की ओर से जब आंकड़े जारी किए गए, तो बिहार के युवा भड़क गए। जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के बाहर के 12 फीसद अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं।
बता दे की कक्षा 1 से लेकर 5 तक के लिए भर्ती परीक्षा में काफी तादाद में झारखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अभ्यर्थियों ने कामयाबी हासिल की है। वहीं 30 फीसदी से ज़्यादा नियोजित शिक्षकों ने बाज़ी मारी है। जिससे बिहार के युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने तेजस्वी यादव और आरजेडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।