L19 DESK : झारखंड की राजधानी में हुए भूमि घोटाले का मास्टर माइंड रहा अब्सू खान उर्फ अफसर अली आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति भी था। जमीन हड़पने के मामले में किसी भी हद तक जाने का माद्दा यह व्यक्ति रहता था। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के रेडियोलाजी विभाग में काम करनेवाला अफसर अली न सिर्फ राजधानी की जमीनों को कब्जा करने में माहिर था, बल्कि फरजी दस्तावेजों के जरिये, उसे एक नंबर बनाने की साजिश भी रचता था। इसमें उसका साथ पार्वती डेवलपर्स के प्रमोटर और बिल्डर प्रियरंजन सहाय, बिपीन कुमार सिंह, नेपाल महतो देते थे। यह खुलासा प्रवर्तन निदेशालय के गिरफ्त में आये मो सद्दान ने किया है। इससे पहले भी धालभूमगढ़ थाना पुलिस को दिये गये स्वीकारोक्ति बयान में मो सद्दाम ने कहा है कि वह अब्सू खान उर्फ अफसर अली के साथ मिल कर जमीन कारोबार के धंधे में आया था।
लोकतंत्र 19 ने पार्वती डेवलपर्स के प्रियरंजन सहाय से इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की, पर उनका मोबाइल आउट ऑफ रीच बताता रहा। जानकारी के अनुसार अब्सू खान के फायनांसियल पार्टनर में प्रियरंजन सहाय, नेपाल महतो भी शामिल थे। इसलिए इनका गिरोह इस तरह के बड़ी जमीन को कब्जा करने के लिए प्रशासन की भी मदद लेता था। वैसे भी इनकी तूती बड़गाई अंचल में जम कर चलती थी। इनके इशारे पर हल्का कर्मचारी से लेकर अंचल निरीक्षक, अंचल अधिकारी तक काम करते थे। इतना ही नहीं कई राजनीतिक दल के नेता भी इनके काफी करीबी माने जाते थे। झारखंड मुक्ति मोरचा, कांग्रेस तथा अन्य दलों के नेताओं के साथ प्रियरंजन सहाय, अब्सू खान, मो सद्दाम, नेपाल महतो का संबंध है। इडी को इन तमाम पहलुओं की जांच कर प्रियरंजन सहाय, नेपाल महतो और इस गैंग के अन्य सद्स्यों को भी गिरफ्तार करना चाहिए। जमीन का डील नहीं होने पर यह गिरोह किसी को भी धमकी देने से गुरेज नहीं करता था।
बताया जाता है कि एक सरकारी कर्मी होने के कारण जमीन से संबंधित काम मो सद्दाम के नाम पर ही करता था। बरियातू रोड के चेशायर होम के पास पांच एकड़ जमीन की खरीद में शेखर महतो को जान से मारने की प्लानिंग भी इन्होंने की थी। इसमें बिल्डर प्रियरंजन सहाय, अब्सू खान और मो सद्दाम ने पांच-पांच लाख देकर शेखर महतो को रास्ते से हटाने की योजना बनायी थी। इस जमीन का दो एकड़ जमीन अब्सू खान, प्रियरंजन सहाय, बिपीन कुमार सिंह और नेपाल महतो ने एग्रीमेंट कराया था। नौ दिसंबर 2021 को मो सद्दाम को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शेखर महतो की जमीन की डील करने के लिए घाटशिला के पास राष्ट्रीय उच्च पथ के किनारे अवस्थित बिल्लू ढाबा में बातचीत करने की योजना तब विफल हो गयी, जब शेखर को ड्राइवर बचा कर ले गया। इसमें रांची के एक अपराधी बिट्टू सिंह को भी शामिल किया गया था। शेखर महतो को कोलकाता में भी मारने की प्लानिंग की गयी थी। यह सब बयान एसआइ धालभूमगढ़ थाना अविनाश कुमार ने दर्ज किया है। इसकी एक प्रति अदालत में भी जमा है।