L19 DESK : धनबाद, बोकारो और गिरिडीह से संबंधित खनन विभाग के कोल कंपनियों के साथ सौ से अधिक सर्टिफिकेट केस (नीलाम पत्रवाद) लंबित हैं। इनमें लगभग तीन सौ करोड़ रुपए फंसे हैं।खान विभाग के उपनिदेशक शंकर सिन्हा की अध्यक्षता में कोल कंपनियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें लंबित नीलाम पत्रवाद पर त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया गया।
बैठक में बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल, टाटा व सेल के अधिकारी थे उपस्थित
बैठक में धनबाद के जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सलकर, खान निरीक्षक राहुल कुमार के अलावा बोकारो व गिरिडीह के भी जिला खनन पदाधिकारी शामिल थे। कोल कंपनियों में बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल, टाटा व सेल के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद उपनिदेशक शंकर सिन्हा ने कहा कि लंबे समय के बाद नीलाम पत्रवाद के निष्पादन पर बैठक हुई है। इस मामले में कोल कंपनियों के मुख्यालय को पहले ही बोला गया था किया कि मामलों को हल करने के लिए नोडल पदाधिकारी बनाएं, जो कोल कंपनियों के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ बातचीत कर मामले को हल करें। सूचिबद्ध तरीके से मामलों का समाधान किया जाएगा।
खनन पदाधिकारी बोले ज्यादातर मामले रॉयल्टी भुगतान के सम्बंधित है
अब प्रत्येक सप्ताह इस दिशा में कार्रवाई की समीक्षा बैठक होगा। सुचना के अनुसार ज्यादातर मामले रॉयल्टी भुगतान से संबंधित होते हैं। बैठक में जिन सर्टिफिकेट केस की चर्चा हुई है। उनमें बीसीसीएल के धनबाद-बोकारो में 113, बोकारो जिले में सीसीएल के 37, ईसीएल के धनबाद जिले से संबंधित 06 तथा सीसीएल के गिरिडीह जिले से संबंधित 06 केस के अलावा टाटा व सेल से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। कोल कंपनियों से कहा गया कि उक्त मामलों में यदि कोई आपत्ति है, तो उसे सामने रखा जाए।