L19/Ranchi : CARDS, युगान्तर आर्ट एंड हृूमैनिटीज, युगांतर भारती और नेचर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व कला दिवस’ के अवसर पर शनिवार को कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह आयोजन डोरंडा स्थित जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के सरकारी आवास में किया गया, जहां प्रदर्शनी का उद्घाटन स्वयं सरयू राय ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखण्ड में आज पहली बार CARDS एवं युगान्तर आर्ट एंड हृूमैनिटीज के माध्यम से विश्व कला दिवस के अवसर पर कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह लोगों के लिए रचना के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करने का एक तरीका है। सच्ची कला केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति है। यह दुनिया के बारे में कलाकार के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है और उनकी परिकल्पना, अंर्तदृष्टि को प्रकट करता है।
उन्होंने सरकार, समाज के बुद्धिजीवी वर्ग की उपस्थिति में आगामी 25 अक्टूबर को एक राज्यस्तरीय कला प्रदर्शनी के आयोजन कराने की भी बात कही। जिससे लोग कला के महत्व को समझें और लोगों के मन में कला के प्रति आदर का भाव आये।
इस दौरान कला प्रदर्शनी के संयोजक डॉ. रामानुज शेखर ने कहा कि कला को जानने से पहले कला को समझना चाहिए। एडॉप्शन, रिएक्शन एवं ट्रांसफर्रेशन शब्दों के पहले अक्षर से ‘ART’ यानी कला का जन्म हुआ है। एक कलाकार पहले किसी चीज को ग्रहण करता है, उस पर प्रतिक्रिया करता है, फिर उस प्रतिक्रिया को अपनी कैनवास, नाटक, कविता आदि के माध्यम से समाज में फैलाने का कार्य करता है।
कार्यक्रम में ग्राफिटी वॉल पेंटिंग किया गया
कला प्रदर्शनी कार्यक्रम में आयोजन स्थल पर कलाकारों ने ग्राफिटी वॉल पेंटिंग किया। ग्राफिटी वॉल पेंटिंग में हरेन ठाकुर, दिनेश सिंह, शर्मिला ठाकुर, विनोद रंजन, मनोज सिंह, अमिताभ सिन्हा, विश्वनाथ चक्रवर्ती, हिमाद्रि रमानी, शिल्पी रमानी, सी.आर. हेम्ब्रम, विजय टोप्पो, अनिता कुमारी, धनंजय, दीपांकर कर्मकार, सपना दास, विवेक दास, परेश मोदक, देवराज सेनगुप्ता, संजीत मिंज आदि ने भाग लिया। सभी कलाकारों को सरयू राय एवं अन्य अतिथियों ने सम्मानित किया।
विश्व कला दिवस की शुरुआत कहां से हुई?
बता दें, इटली के कलाकार ‘लियोनार्डो द विंची’ के जन्मदिन को वर्ष 2012 से युनेस्को ने प्रतिवर्ष “विश्व कला दिवस” के रुप में मनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद दुनियाभर में विश्व कला दिवस मनाया जाने लगा। युनेस्को ने इस साल की थीम ‘आर्ट इज गुड फॉर हेल्थ’ रखा है। साथ ही, युनेस्को ने भारत सहित विश्व के ऐसे कई स्थानों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सरंक्षित किया है।