L19/Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सोमवार को राज्य बागवानी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान विभाग सचिव प्रशांत कुमार ने आम की बागवानी के अलावा अन्य फलदार पौधे जैसे- अमरूद, निंबू, नाशपाती, शरीफा, बेर, कटहल, सहजन की बागवानी को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही मिश्रित फलदार पौधों की बागवानी को प्रोत्साहित देने की सलाह दी। मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से आम व अमरूद बागवानी तथा छायादार वृक्षारोपण किया जायेगा।
सचिव ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल प्रबंधन के लिए मनरेगा व JSLPS के सभी प्रतिनिधियों को वर्ष 2023-24 में होने वाले बागवानी योजना के लिए दोबारा प्रशिक्षित किया जायेगा।
बैठक के दौरान लिए गये ये तमाम फैसले:
● सेल्फ हेल्प ग्रुप की दीदीयों द्वारा संचालित “दीदी बगिया योजना” उद्यमियों को फलदार पौधा तैयार करने के लिए प्रशिक्षण एवं अन्य सहायता प्रदान किया जाएगा। ताकि गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन नर्सरी में किया जा सके। साथ ही, “दीदी बगिया योजना” अन्तर्गत स्थापित नर्सरियों का Registration JSLPS के माध्यम से National Horticulture Board में कराने पर विचार करने का भी निर्णय लिया गया।
● लाभुकों द्वारा किये जा रहे बागवानी में निरंतर तकनीकी सलाह दिये जाने के कारण बागवानी सखियों को ससमय क्षमतावर्धन एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित करना अत्यावश्यक है।इसलिए उन्हें ससमय मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
● कमेटी के सदस्यों ने तसर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि के साथ तालमेल बैठाकर वृक्षारोपण के लिए आवश्यक मानव संसाधन से जुड़े एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया ताकि विभाग स्तर से इस पर कार्रवाई की जा सके।
● बिरसा हरित ग्राम योजना के अन्तर्गत अभिसरण के तहत JSLPS की ओर से बागवानी में डिप इरीगेशन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
● सलाहकार समिति के सदस्य जिन संस्थानों से जुड़े हैं, उनके कार्य क्षेत्र/जिलों में संचालित बागवानी योजना के साथ उनको जोड़ने का कार्य किया जायेगा। ताकि समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण के दौरान पौधों की वर्तमान स्थिति पर निगरानी की जा सके।साथ ही, उनको तकनीकी सलाह दिये जाने के लिए तकनीकी सेल राज्य और जिला में गठित किया जाएगा।
● बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत आम के पौधों के अलावा राजकीय वातावरण के अनुकूल उगाने योग्य नाशपाती, नारंगी, निंबू, अमरूद, कटहल, खजूर, शरीफा, बांस, सहजन को भी शामिल करने के विचार पर सहमति बनी। साथ ही प्रत्येक जिला अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में होने वाले कुल बागवानी का कम-से-कम 25 प्रतिशत क्षेत्र में मिश्रित फल की बागवानी के लिए सुनिश्चित की जायेगी।
इस बैठक में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास विभाग अरुण कुमार सिंह, वन विभाग के पदाधिकारीगण ,कृषि, जेएसएलपीएस, केंद्रीय तसर प्रशिक्षण संस्थान, निदेशक आइआइआरजी, निदेशक कृषि अनुसंधान ,कृषि विज्ञान केंद्र, जेएसडब्ल्यूएम टीआरआईएफ निदेशक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।