L!9 Desk : पत्नी अनीता कुमारी को जलाकर मारने के आरोप में हजारीबाग सदर के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दरअसल, बीते कल 9 फरवरी को रांची के जगन्नाथपुर स्थित पार्क से गिरफ्तार करने के बाद आज उन्हें हजारीबाग सिविल कोर्ट में पेश किया गया।
इससे पहले शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनकी जांच करायी गयी। आज उनकी अदालत में पेशी थी, पेशी के दौरान आरोपी अशोक कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला लिया गया। अब 14 दिनों तक वह हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल में रहेंगे, जहां उनसे पूछताछ चलेगी। जेल जाने से पहले पूर्व एसडीओ ने मीडिया के सामने अपना पक्ष भी रखा। उन्होंने कहा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, दूसरा पहलू भी सामने आना चाहिये, लेकिन मेरे मामले में पहले पहलु का काफी दुष्प्रचार किया गया।
ऐसे पकड़ में आये पूर्व एसडीओ अशोक कुमार
रांची के जगन्नाथपुर इलाके के एक पार्क में बीते 9 फरवरी को जब अशोक कुमार मास्क और टोपी लगाये टहल रहे थे, उसी दौरान लोहसिंघना थाना प्रभारी संदीप कुमार की टीम ने उन्हें उठा लिया, और हिरासत में ले लिया। खबर है कि उन्होंने एक शख्स को पैसे लेने के लिये पार्क बुलाया था, इसी दौरान हजारीबाग पुलिस की टीम ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। हालांकि, पूर्व एसडीओ अशोक कुमार की गिरफ्तारी की संभावना पहले ही बन रही थी।
बीते दिनों अशोक कुमार के जीजा, भांजा और बड़े भाई से भी पूछताछ हुई थी, जिनके ज़रिये उनके पिता दुर्योधन साव का सुराग मिला, दुर्योधन साव इस मामले में नामजद अभियुक्त हैं। वह अपने ससुराल सलैया गांव में थे, इस दौरान पुलिस टेक्निकल सेल की मदद से उन तक पहुंची, और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी। दुर्योधन साव से कई मोबाइल नंबर की जानकारी मिली, जिसके माध्यम से वह अपने बेटे से बात किया करते थे। मोबाइल नंबर के जरिये आखिरकार हजारीबाग पुलिस पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को देर शाम करीब सवा 7 बजे अरेस्ट कर पाने में कामयाब रही।
अशोक कुमार पर क्या है आरोप ?
आपको बता दें कि हजारीबाग सदर अनुमंडल के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार पर अपनी पत्नी अनीता कुमारी को जलाकर मार डालने का आरोप है। बीते 26 दिसंबर को तत्कालीन एसडीओ के आवास में अनीता कुमारी संदिग्ध अवस्था में बुरी तरह जल गयी थी। इलाज के दौरान 28 दिसंबर को मौत हो गयी थी। मामला सामने आने के बाद से ही तत्कालीन एसडीओ अशोक कुमार पर गंभीर आरोप लगने शुरु हो गये थे, क्योंकि मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने अपने जीजा पर अवैध संबंध होने, और पत्नी को जान से मारने की साजिश रचने जैसा संगीन आरोप लगाया था। राजू गुप्ता का कहना था कि एसडीओ अशोक कुमार घर पर तारपीन लेकर आये, और पत्नी के शरीर में छिड़ककर उसे आग के हवाले सौंप दिया।
राजू का आरोप था कि एसडीओ का किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध है। इस वजह से वह पत्नी को प्रताड़ित करते थे। इसके अनीता ने खुद भी अपने पति पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराया था। इसमें पति अशोक कुमार, ससुर, देवर और देवरानी को नामजद बनाया गया था।
अशोक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका हो गयी थी खारिज
आग में झुलसने से अनीता का शरीर 65 से 70 फीसदी तक जल गया था, जिसके बाद उन्हें बचा पाना नामुमकिन था। इस घटना को लेकर हजारीबाग शहर में मृतका के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्कालीन एसडीओ के खिलाफ कई घंटों तक लोहसिंगना थाने का घेराव और प्रदर्शन किया था। गिरफ्तारी की आशंका होते ही अशोक कुमार ने हजारीबाग कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका डाल दी थी, जो बाद में खारिज हो गयी थी।
मामला तूल पकड़ने के बाद से ही अशोक कुमार गायब हो गये थे। यहां तक कि वह अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार के दौरान भी अनुपस्थित रहे। यह घटना सामने आने के बाद से झारखंड सरकार ने उन्हें इस पद से हटाकर रांची में प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग भेज दिया था। इस विभाग में पोस्टिंग होने के बाद वह लगातार छुट्टी पर चल रहे थे। आखिरकार अशोक कुमार को 44 दिनों के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।