L19 Desk : झारखंड के करीब 1600 करोड़ रुपये की राशि पर केंद्र सरकार ने लगाई रोक L19 Desk : झारखंड के करीब 1600 करोड़ रुपये की राशि पर केन्द्र सरकार ने रोक लगा दी है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा वाली करीब 1600 करोड़ रुपये की राशि पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दिया है। राशि पर रोक लगाने के पीछे के कारण है झारखंड में नगर निकाय चुनाव में देरी होना। इस रोक से राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है। रोक लगाई गई राशि का इस्तेमाल नागरिक सुविधाओं और शहरी निकायों के विकास के लिए किया जाना था। इस मामले में झारखंड सरकार ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। राज्य सरकार द्वारा लिखे पत्र में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि निकाय चुनावों में देरी के बावजूद सहायता राशि दी जाय। राज्य सरकार ने केंद्र को लिखे पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी होते ही नगर निकाय चुनाव कराए जाएंगे। खबर लिखे जाने तक राज्य सरकार द्वारा लिखे पत्र का किसी भी प्रकार का जवाब केंद्र सरकार ने नहीं दिया है।
2020 से नहीं हुआ है नगर निकाय चुनाव?
जानकारी के लिए बता दें कि 2020 से ही झारखंड के 13 नगर निकायों का चुनाव नहीं हुआ है। इसके साथ ही मार्च-अप्रैल 2023 में ही 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है। संविधान के 74वें संशोधन के तहत निकाय चुनाव न कराना स्थानीय निकायों की शक्तियों को कमजोर करने जैसा है। राज्य सरकार ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के बाद चुनाव कराना चाहती है इससे ओबीसी वर्ग नाराज नहीं होगा। राज्य सरकार को ओबीसी वर्ग की नाराजगी का डर है। जिसके लिए राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट कराना चाहती है। हालांकि राज्य सरकार चाहे तो ओबीसी समुदाय को आरक्षण दिये बिना भी चुनाव करवा सकती है। लेकिन सरकार ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी करना चाहती है। बिना आरक्षण के चुनाव की तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले ही पूरी कर ली थी, लेकिन सरकार ट्रिपल टेस्ट के बिना चुनाव कराने को तैयार नहीं है।
क्या होता है ट्रिपल टेस्ट?
आरक्षण देने के लिए 3 स्तर पर मानक रखा जाना होता है जिसे ही ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला जाता है। ट्रिपल टेस्ट के अनुसार राज्य को एक कमीशन बनाना होगा। कमीशन ओबीसी वर्ग की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देगी और जिसके आधार पर आरक्षण लागू होगा। इस टेस्ट के माध्यम से यह देखा जाता है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति क्या है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं?