l19/DESK : पूरे देश में साल 2023 में जो योजना सबसे ज्यादा चर्चित रही वह है झारखंड की महत्वकांक्षी योजना अबुआ आवास है। केंद्र सरकार प्रायोजित प्रधानमंत्री आवास योजना के तर्ज पर राज्य सरकार ने गरीबों को पक्की मकान देने हेतु इस योजना को लांच किया था। जिसमें लक्ष्य के रूप में 1 साल के अंदर 2 लाख परिवारों को पक्की मकान देने का लक्ष्य रखा गया था, हालांकि इस लक्ष्य से झारखंड आप भी काफी पीछे है।
ज्ञात हो कि सरकार ने इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को की थी लेकिन लक्ष्य पूरा करने में अफसर के पसीने छूट रहे हैं। सरकार ने 2023- 24 में 2 लाख परिवारों को आवास योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा था; गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान देने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन अफसर को योजना के अनुरूप काम करने में परेशानी हो रही है! राज्य के अलग-अलग जिलों के 1 लाख 99 हज़ार 715 परिवारों के लिए आबूआ आवास स्वीकृत किए गए। इनमें से पश्चिम सिंहभूम में 208 और सिमडेगा जिले में 77 आवास कार्य स्वीकृत किए गए,वही 12608 लाभुकों को आवास स्वीकृत होने के बाद भी पहली किस्त की राशि नहीं मिल सकी है। 1 लाख 86 हज़ार 169 लाभुकों को पहली किस्त के रूप में 30 हज़ार रु बैंक खाते में सरकार ने भेजे, वहीं दूसरी किस्त की राशि 66.1% लाभुकों को ही भेजी जा सकी है एल लाभुकों से मिले जानकारी के अनुसार बालू नहीं मिल पाने के कारण आवास निर्माण कार्य कई लाभुक शुरू भी नहीं कर पाए हैं।
बताते चले कि राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी आबुआ आवास योजना का काम तेजी से हो इसके लिए सरकार ने योजना स्वीकृत होने के साथ ही लाभुकों को पहली किस्त के रूप में 30 हज़ार लाभुकों के बैंक खाते में भेज दिए थे वही आवास निर्माण कार्य स्प्लिट लेवल तक होने और इसकी जियो टैगिंग करने के बाद दूसरी किस्त की 50 हज़ार की राशि लाभुकों को मिलनी है लेकिन अब तक मात्र 1 लाख 99 हज़ार 144 आवासो की ही जियो टैगिंग स्प्लिट लेवल तक की जा सकी है।
आवास निर्माण में सबसे पीछे रांची और पलामू जिला है जो रैंकिंग में 23वे और 24वी में नंबर पर है। ऐसे में अगले तीन-चार महीना के अंदर विधानसभा चुनाव है जो कि वर्तमान सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे में अगर इस योजना को धरातल पर बेहतर तरीके से क्रियान्वित नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में राज्य सरकार के लिए नेगेटिव परिणाम देखने को मिलेंगे अतः इसी को देखते हुए राज्य सरकार में इस योजना में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और इस कार्य में दिन-रात लगाकर अधिकारी अपने कर्तव्य का निर्माण करने में लगे हुए हैं।