L19/Ranchi : रांची के बड़े क्षेत्रों में बिजली को लेकर हो रही परेशानी। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली बिल नहीं मिल रहा है। उनके घरों में न तो कोई ऊर्जा साथी मीटर रीडिंग करने जा रहे हैं और न ही कोई बिल मिल रहा है। कुछ स्थानों पर उपभोक्ताओं की शिकायत करने पर मीटर रीडर को भेजा जाता है। नहीं तो दो से तीन माह तक कोई रीडिंग ही नहीं होता है। इस मामले को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष टैरिफ की जनसुनवाई के दौरान भी उठाया गया था। जिसमें आयोग ने निगम को नियमित रूप से बिजली बिल देने का निर्देश भी दिया था।
जानकारी के अनुसार रांची में बिलिंग का काम कंपीटेंट सिनर्जी को दिया गया है। कंपनी के यहां आउटसोर्स पर कार्यरत अधिकतर ऊर्जा मित्र काम छोड़ चुके हैं। वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत ऊर्जा मित्र ही हैं, जो कंपनी में काम कर रहे हैं। उनके द्वारा जिन घरों में बिल जाता है, वे लोग बिल भर देते हैं। कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं, जिनके घरों में चार-चार माह से बिल नहीं जाता है। रांची एरिया बोर्ड के जीएम पीके श्रीवास्तव ने कहा कि समस्या है पर कोशिश हो रही है कि सभी लोगों को बिल मिले।
स्मार्ट मीटर का ऑनलाइन बिल भेजा जा रहा है। जेबीवीएनएल के द्वारा बताया गया कि कंपीटेंट सिनर्जी की जगह पर नयी कंपनी को लाने के लिए टेंडर निकाला गया है। प्रक्रिया अभी चल रही है। प्रकिया पूरी होने के बाद नयी कंपनी के माध्यम से बिल मिलने लगेगा। रांची में 3.50 में से 1.70 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। इनमें 20 हजार मीटर प्रीपेड हो चुके हैं। साथ ही 1.50 लाख स्मार्ट मीटर के उपभोक्ताओं को रीडिंग के जरिये ही बिल मिलता है। कुछ उपभोक्ताओं के घरों में ऑनलाइन रीडिंग के द्वारा बिल भेजा जा रहा है। पर इनकी संख्या कम है।